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________________ राम लक्ष्मणकी उत्पत्ति, विवाह और वनवास । १५३ -wwww...... .uvuuuuuuuuuuuuu vvvvvwuuuuuuuuuuu भक्षित लगता है इस लिए बता कि यह मांस किस जीवका है ?" रसोईदारने उत्तर दियाः-" यह नरमांस है ? " सोदासने उसको आज्ञा दी कि वह सदैव नरमांस ही लाकर उसको खिलाया करे । तत्पश्चात रसोइदारने प्रति दिन, राजाके लिए नगरके बालकोंका हरण करना प्रारंभ किया। _' न हि भीराज्ञया राज्ञामन्यायकरणेऽपि हि ।' ( अन्यायका कारण होनेपर भी राजाकी आज्ञा होने 'पर भय नहीं लगता है।) ___ इस भाँति दारुण कर्म , करनेवाला समझ, मंत्रियोंने सोदासको राज्यभ्रष्ट कर दिया और जंगलमें हाँक दिया। जैसे कि घरमें पैदा हो जानेवाले सर्पको पकड़कर जंगलमें छोड़ देते हैं। और उसके पुत्र सिंहस्थको राज्यासनपर बिठा दिया । सोदास नरमांस खाता हुआ, उच्छृखल होकर, पृथ्वीमें भटकने लगा। एकवार सोदासने पृथ्वीमें भटकते भटकते दक्षिणापथमें एक महर्षिको देखा । उसने उनसे धर्म पूछा । उसको उपदेश देने योग्य समझ उन महामुनिने, अर्हतधर्म-जिसमें मद्यमांस त्यागका मुख्यतया उपदेश दिया गया हैसुनाया। धर्म सुनकर सोदास चकित होगया और प्रसन्न
SR No.010289
Book TitleJain Ramayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKrushnalal Varma
PublisherGranthbhandar Mumbai
Publication Year
Total Pages504
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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