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________________ (१३) आपने तीन बिरहमन लड़कियोंके धर्मार्थ ब्याह करा दिये । गवैयेका और पहलवानका भी आपने खर्चा देकर ब्याह. करवाया। गये बरस अपने सालेका ब्याह भी आपहीने करवा दिया था । कई औरोंके ब्याहोंमें भी आपने थोड़ी बहुत सहायताएँ दी हैं। __ आप स्थानकवासी जैन हैं; परन्तु दान देते समय आप इस बातका खयाल नहीं रखते। जैसे आप स्थानकवासी समाजके कार्योंमें मदद देते हैं, वैसे ही मूर्तिपूजक समाजको सहायता देनेमें भी आप आगा पीछा नहीं किया करते हैं । सर्व साधारणके कार्यों में भी आप इसी भाँति सहायता दिया करते हैं । यह बात आपकी दी हुई सहायताकी निम्न लिखित सूचिसे भली प्रकार पाठकोंके समझमें आजायगी । दानसूची। १.०००) भाँदकजी तीर्थमें मंदिर आदि तैयार करानेको । ५०१) पंचराज नासिक । ७००) जल गाँवकी पांजरापोलमें । ७५०) जलगाँवकी धर्मशाळामें । १००) मारवाड़ी हितकारकमें । १७५०) अमरावतीके मुकदममें । ( यह मुकदमा स्थानकवासी मुनि कुंदनमलजीपर · अमरावतीनिवासी फतेराजजी फलोदियाने चलाया था।) ३०००) रुपये अन्यान्य ज्ञान प्रचार, स्कूल आदिके कार्योंमें । इस दानके अतिरिक्त लड़ाईमें जो लोग मारेगये या निकम्मे होगये उनकी सहायताके लिए जो फंड खुला था, उसफंडमें, एक. चाँदीका पानदान खरीदकर, आपने २१०० ) रुपये दिये थे।
SR No.010289
Book TitleJain Ramayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKrushnalal Varma
PublisherGranthbhandar Mumbai
Publication Year
Total Pages504
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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