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________________ - - (७५) दिवदवशमायातपो दिन५५०-१०० सर्वतोसत्योदिन । सर्वदि६५० ॥३२पाराम २३शन पर १/२/२/U /६ / बाबा/य/६७ याहजन २०६७ १२घानन चालपा रायकराया नाज ना EMA re चाहन ||पा६खाना याबाद Lघाखाना 1227६७/२० ३. २० प्रत्पादारेकोटीसदितताकोटी महितता करना तस वावजाविरकरन७ कवन एका क्ले वजाप्राबिजरमजाक कावनाका कवजाकिरदाखिनमक करवाया कवना कवज२० माबिमारकवन२० कवनय एका १ कaaiवारल२२ आबिनाकारल२९|| कनका १Fav६॥ ॥ वावन२२अाबिकव२२॥ कवज एका कवनवावंजाबिनदाद २३ केवल एका कवनवनाबिनाकवल२४ इनागकोटीरक्षिततः॥ हिंदूनानकोटीसदितनयमा कवन नीवी कक्जए कवज२५उपवासरकवत२५ कुवन नीदी कवना |कवल२६नुपतासकरन२६ कजनीती १. कवन कम२७पवासरकवले कवन नीवी १ कवलर क्वज उपवासरकवल25|| कदलहनीवार कचजत॥ कवलएपदारवेलर रवल नीवी क्वज करन३०नपवासाकदन३० कवतए नीधी १कवल कवलेपवासाकवले३५ नवज नीवी १२वनकदजपवासाकदल - - - - - - - - -
SR No.010285
Book TitleJain Prabodh Pustak 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1889
Total Pages827
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size62 MB
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