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________________ (६४७) ५ श्रीविवाहपन्नत्ति जगवतिसूत्र शतक ४१ ने, ए मां बत्रीश सहस्त्र प्रश्न गौतमना . मूल श्लोक १५७५२, टीका संवत् ११२७ मां श्रीअनयदे वसूरिनी करेली शेणाचार्ये शोधेली १७६१६ श्लोकनी जे. एनी चूर्मि 1000 श्लोक पूर्वाचार्य कृत ने. सरवाले ३३६ नी संख्या. तथा ए नी लघुवृत्ति संवत् १५६८ ना वर्षमा दानशेख र नपाध्यायनी करेली १२००० श्लोक संख्या जे. ६ श्रीज्ञाताधर्म कथांग सूत्र अध्ययन १ए, कथा नगणीश सांप्रत देखाय . प्रथम साडीत्रण.को टि कथा प्रसिह ,एनी श्लोक संख्या ५५००, तेनी टीका श्रीअनयदेवसूरि कृत २५श्श्लोकजे. ७ श्रीनपासक दशांग सूत्र दश अध्ययन.मूल श्लोक १२ एनी टीका श्रीअजयदेवसूरि कृत ए०० श्लोक , सरवाले १७१२. G अंतगड दशांग सूत्र एण्अध्ययन . मूल श्लोक ए00, तथा श्रीअनयदेवसूरिकृत टीका ३०० श्लोक ले. सर्वसंख्या १२०० ए अणुत्तरोववाई सूत्र तेत्रीश अध्ययन मूल,श्लोक. २ए. तथा श्रीअजयदेवमूरिकत टीका १00, श्लोक , सर्वसंख्या ३ए. १० श्रीप्रश्नव्याकरण सूत्र दशयध्ययन रूप, मूल श्लोक १२५०,श्रीअजयदेवसू रिकत टीका४६०० सर्व संख्या ५७५०.
SR No.010285
Book TitleJain Prabodh Pustak 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1889
Total Pages827
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size62 MB
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