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________________ निद्रानिद्रा - प्रगाढ निद्रा । निवन्धन - कारण; निमित्त । निमन्त्रण - किसी वस्तु - विशेष की जरूरत होने पर गुरु या स्वधार्मिक से याचना | निमित्त -- हेतु ; सहकारी कारण । निमित्त ज्ञान - तिल, मसा आदि देखकर भविष्य बताने वाली विद्या - विशेष | निमित्त दोष- साधुओ की भिक्षा का एक दोष । निमित्त पिण्ड - भविष्य आदि बताकर प्राप्त की जाने वाली भिक्षा | निमेष - संख्यातीत समयों का समूह ; पलक झपकने में लगने S वाला समय - परिमाण । नियाणा - देखें - निदान | निरतिचार -- अतिचार - रहित ; निर्दोष । निरवद्य -- निर्दोष ; विशुद्ध । निर्ग्रन्थ- ग्रन्थिरहित; परिग्रह-मुक्त साधु | निर्जरा - क्षय करना; कर्म-पुद्गलों का आत्मा से पृथक करना ।
SR No.010280
Book TitleJain Paribhashika Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year
Total Pages149
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size3 MB
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