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________________ द दक्षिणत्व - सरलता ; अतिशय - विशेष । दण्ड - जीव - हिसा; चक्रवर्ती के चौदह रत्नो में से एक; धनुष का दूसरा नाम । दण्डासन - डडासन ; स्थान- प्रमार्जन के लिए उपयोग किया जाने वाला साधुओ का एक उपकरण । दत्ति - अखण्डधारपूर्वक आहार, पानी आदि का सुनि को दान । दमन --- संयम, ज्ञान, ध्यान, तप आदि से इन्द्रिय-विषयो और कषायो का निरोध । दया - प्राणियों पर करुणा ; अनुकम्पा । दर्प --- बलकृत अहंकार का प्रदर्शन 1 दर्शन - अन्तर्मुख चित प्रकाश; सम्यक्त्व; तत्त्वश्रद्धा ; ज्ञानस्वरूप, पदार्थ का अभेद रूप में सामान्य ग्रहण | दर्शन - क्रिया - एक - दोष ; रमणीय रूप देखने की तीव्र अभिलाषा । [ ६५ ]
SR No.010280
Book TitleJain Paribhashika Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year
Total Pages149
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size3 MB
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