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________________ [८] महात्मा संजयंत। (सुदृढ़ तपस्वी) (१) गंधमालिनी देशकी प्रधान राजधानी वीतशोका थी। उसके बधीश्वर थे महाराजा वैजयन्त । उनका वैभव स्वर्गीय देवताओं की तरह अतुलनीय था। वे अपने वैजयन्त नामको चरितार्थ करते थे । साहस और पराक्रम में भी वे एक ही थे। रक्ष्मीकी तरह महाभाग्या महारानी भव्यश्री उनकी प्रधान पटरानी थी। वैजयन्त न्याय और नीति अपनी प्रजाका संरक्षण करते थे। वे उदारमना थे । विद्वानों का योग्य सम्मान करके, सुहृद् बंधुओंको निःस्वार्थ प्रेमसे और माश्रितोंको द्रव्य देकर संतुष्ट रखते थे। अत्याचारियों और अन्यायके लिए उनके हाथमें कठोर दंडवा
SR No.010278
Book TitleJain Yuga Nirmata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulchandra Jain
PublisherDigambar Jain Pustakalay
Publication Year
Total Pages180
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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