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________________ EXCEOXXCCCXXX SEXEEXI VEERCENERXEEXXXCAXOnxxom EXCOXXXXSXIKAXXESXXCITOXXXXCOEXXCSXXXXCXXEKXCEXE बनाकर नगर में प्रवेश करना पड़ता था । कितना ही काल श्राप इसी प्रकार विचरते रहे। १६६५ का चतुर्मास खरड शहर में किया। १९६६ का चातुर्मास आपने फरीदकोट में किया । फिर आपने चतुर्मास के पश्चात् कई नगरों में विचर कर १९६७ का चतुर्मास लाला गौरीशंकर वा लाला परमानन्द बी-ए-एल-एल-बी के स्थान मे कसूर शहर में किया १६६८ का चतुर्मास आपने अम्बाला शहर मे किया। जब श्राप राजपुरा से श्राषाढ़ मास में अम्बाला की और पधार रहे थे तब श्रापके साथ एक दैवी घटना हुई । जैसेकि-जब आपने राजपुरा से अम्बाला की ओर विहार किया तब आपका विचार था कि-मुगल की सराय में ठहरेंगे। मार्ग में राजकीय सड़क पर एक पुल था, और उस पुल के पास ही एक बड़ा विशाल वृक्ष था जिसकी • शाखाएँ और प्रतिशाखाएँ पुलपर फैली हुई थीं। उस वृक्ष की छाया में आप अपने मुनियों के साथ विराजमान होगए । पानी के पान खोलकर रख दिए। अन्य जो साधुओं: के वस्त्रादि उपकरण थे वे स्वेद (पसीने) से आई (गीले) थे, वे भी शुष्क होने के लिए फैलादिए गए । अापका विचार था कि-थोड़ा सा दिन रहते हुए सराय में पहुंच A जाएंगे। उसी समय अम्बाला शहर का श्रावक वर्ग भी आपके दर्शनों के लिये उसी स्थानपर पहुंच गया। उन्हें भी आप श्रीजीने फरमाया कि-हम थोड़े से दिन के साथ सराय पहुंचेंगे तब श्रावक वर्ग मांगलिक पाठ को सुन कर वहां से वापिस चल पड़ा। तत्पश्चात् उसी समय एक पुरुष श्रीमहाराज जी के पास अकस्मात् आकर खड़ा होगया, और टिकटिकी लगाकर साधुओं के उपकरण को देखने लगा। आप श्री जी ने फरमाया कि-क्यों देखते हो ? ये तो साधुओं के पुस्तक वा पात्र तथा वस्त्र हैं और साधुवृत्ति इस प्रकार की होती है तब वह पुरुष आप श्री जी के साथ इस प्रकार वार्तालाप करले जगा जैसे कि पुरुष-आप कौन हैं? श्रीमहाराज-हम साधु हैं। ' 'पुरुषये पदार्थ क्या है श्रीम०-ये वस्त्रादि साधुओं के उपकरण हैं अर्थात् धर्म-साधन के पदार्थ हैं। ' । पुरुष-आप इस स्थान से उठ जाइये । श्रीम०-क्यो?. गुरुप-यह वृक्ष गिरने काला है। EXCLOXxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxARKKHOKxxxcom MERECTORXXGREEXXCISEKACEXCOMCATE
SR No.010277
Book TitleJain Tattva Kalika Vikas Purvarddha
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages335
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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