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________________ ४ ५ ६. अस्ति नास्ति का श्रविनाभाव નિત્ય ઔર ક્રનિત્ય ળા અવિનામાવ द्रव्य और पर्याय के भेदाभेद का अविनाभाव एक और अनेक का अविनाभाव अनेकान्त फलित और समस्याए नयवाद अनन्त पर्याय, अनन्त दृष्टिकोण संग्रह और व्यवहार नय સૈામનય ऋजुसूत्रतय शब्दनय સર્નામતનય एवमुतनय नय की मर्यादा निक्षेप नय और निक्षेप प्रश्न और उत्तर (v) स्याद्वाद और सप्तभंगी न्याय स्याद्वाद के फलित प्रश्न और उत्तर प्रमारण-व्यवस्था प्रमाण की परिभाषा પ્રામાણ્ય ઔર અબ્રામાખ્ય प्रसारण का फल प्रसारण का विभाग સ્મૃતિ प्रत्यभिज्ञा तर्क श्रागम प्रश्न और उत्तर अनुमान हेतु हेतु के प्रकार અવયવ-પ્રયોગ 140 ... • 100 ... + 4 = 50 44 45 46 47 48 50 50 51 53 55 56 58 58 59 61 63 6 37 66 73 77 81 81 85 87 88 96 97 99 100 102 104 106 107 107
SR No.010272
Book TitleJain Nyaya ka Vikas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathmalmuni
PublisherNathmal Muni
Publication Year
Total Pages195
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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