SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 346
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ minimali Premi - VT174TAN ३२६ जैनकथा रत्नकोष नाग आठमो. रीज ॥ पण अन्ये जो कह्यु होवे, तो करूं अग्निनी धीज ॥ २ ॥ एमकही चिंतातुर थइ, दे गलहबो गाल ॥ गत उत्साहा कामिनी, नीचं रही। निहाल ॥ ३ ॥ चिंताजलनिधिमां पडी, नयण करे बहु नीर ॥ देखीने कायर थयो, कुंवर घणो दिलगीर ॥ ४ ॥ मोहनगारी मानिनी, मोह्यो संघलो लोक ॥ साहमा उशियाला करे, जव ले वेसे शोक ॥ ५ ॥ वा त करे कुंवर हसी, नयरा सलूणे ताम ॥ रोप न कीजे वालही, प्रेम त णे ए ताम ॥ ६ ॥ दोप नहिं तुझमां किस्यो, ढुं जाणुं निर्धार ॥ वात सुगी हर्पित थइ, कनकवती तेणि वार ॥ ७ ॥ ॥ ढाल शोलमी॥ ॥नयर रतनपुर जाणीयें ॥ ए देशी ॥ कुंवर निजमंदिर गयो, मित्र सहित हर्पित थयो, नवि नयो, रोप किश्यो लवलेशथी ए॥ १ ॥ रातें - बली गुणधर्म ए, आव्यो नारीघरमें ए, शमै ए, एकांतें उनो रह्यो ए ॥२॥ - - वात करे ते दासी ए, सुण स्वामिनि नन्नासी ए, जासी ए, तिहां क्यारें वेला दुई ए॥३॥ वेलातिकम थाशे ए, तो विद्याधर रीसाशे ए, गाशे ए, तुज विण तिहां कुण गीतने ए॥॥ निसासो तव नाखे ए, कनकवती एम जांखे ए, राखे ए, लाज शहां प्रनु माहरी ए॥५॥ मंदनाग्य धपीयाणी ए, कठिन ए कर्म कमाणी ए, जागी ए, कीधी थावे आपणी ए॥६॥जनक घरे विद्याधरें, एवं मुजने अति आदरें, खेचरें, पूर्वे शपथ करावियो ए॥ , ॥७॥ मुफ आदेश यया विना, कांत म सेवे एकमना, रीफना, वोल में बोलिश कंतमु ए ॥॥ रातें वेसी विमानमां, आवेवं मुफ शानमां,तानमां, मन रहे मानिनी ए॥ ए ॥ एह कह्या उपरें वली, ए दी थइ व्याकुली, मन रुली, परण्यो ए राजकुमारने ए ॥ १० ॥ ए पियु मुज वजन घj, एहनी उपमा शी जणुं, मन तणुं, चिंतित माहाँ मन लहे ए ॥११॥ पण ... तिहां जाती एवं सही. जाणी वात सकल सही, बली कही, वात ते एवं वातडी ए ॥ १२ ॥ विद्याधर दीठो तिहां, नित प्रति जा ढुं जिहां, कहो किहां, वात लही ए माहरी ए ॥ १३ ॥ कुण जाणे मुफ पीयु नणी, . विद्याधर दणे निर्गुणी, अवगुणी, के अथवा मुमने दो ए ॥ १४ ॥ था शंका मुक मोटी ए, बहेनी चित्तमा खोटी ए, चोटी ए, दीधी खेचर हाथमा ए ॥१५॥ यावन काल नवीन ए, बहुल उपाय अधीन ए, अदीन
SR No.010253
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1892
Total Pages475
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size30 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy