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________________ गौतमकुलक कथासहित. रयल शुचियें नयुं मनुष्यनुं शरीर निरंतर अशुचि द्वारें वहेतो, विष्ठानो कोथलो एमांशी नलीवार बे ? वली प्रधान वस्त्र, प्रधान फुल, प्रधान गंध विजे पन होय ते पण शरीरना संगें विणशी जाय. वली नल्लीदांतने विषे दुर्गंध, सुखने विषे चिरस, नासिकामांथी नित्य अपवित्र पदार्थ वहे, वली रोगनुं घर एवा शरीरने विषे हे मुनिराज ! तमे मुंकार नही. जेमाटे नियाणाथी घोर तप अनुष्ठान करया होय ते पण तेवां फलवंत न थाय. इत्यादिक वचन ह्या पण तेने प्रतिबोध न लाग्यो. अने नियाणुं कर्तुं के, जो ए तपनुं फल होय तो जन्मांतरे हुं चक्रवर्ती थानं. अनुक्रमें मरण पामी सौधर्म देवलोके बेदु नाई देवता थया. त्यांथी चित्रनो जीव च्यवीने पुरिमताल नगरें शेठनो पुत्र थयो, अने संभूतिनो जीव च्यवीने कंपिल्लपुर नगरने विषे ब्रह्मनामें राजा तेनी चुल्ली नामे राणीना उदरने विषे चौद सुपर्ने सूचित पुत्र थयो, तेनुं ब्रह्मदत्त एवं नाम पाड्युं, ते अनुक्रमें महोटो थयो, बहोत्तेर कला नएयो. एक वे ब्रह्मराजाने चार राजा उत्तम वंशना उपना मित्र बे. तेमां एक तो काशी देशनो धी कनक नामें राजा बे, बीजो गजपुरनो धणी कले रदत्त नामें राजा बे, त्रीजो कोशल देशनो धणी दीर्घनामें राजा बे, चो यो चंपानो धणी पुष्पचून नामें राजा बे. ते चारें मांहोमांहे स्नेहें कर एकबीजाना विरहने इबता अनुक्रमें एकेक वर्षे नेगा रहे. विचित्रको AST करत काल गावे बे. अन्यदा ते चारे ब्रह्मराजाने घेर रह्या बे. दाते ब्रह्मराजाने मस्तके रोग ऊपन्यो, त्यारे तेणें पोतानो पुत्र चारे मि त्रने खोजे मूक्यो. पी ब्रह्मराजा मरण पाम्यो. तेना मृत्युकार्य करीनें चा रे जणें विचार को के, ज्यांसुधी ब्रह्मदत्त राज्य चलाववाने समर्थ याय त्यां सूधी राज्यनो निर्वाह यापणने करवो. एम निरधारी चार जणमांथी दीर्घ राजाने राज्य सोंपीने त्रण राजा पोताने स्थानके गया. पी ते दीर्घ राजा सकल सामग्रीसहित राज्य नजरें जोइ नंमारमां पेतो. अंतेवर पण जोयुं. हवे इंडियो डुर्निवार बे, माटे ब्रह्मनी मित्राइ पण न गणी, लोक मां निंदा थशे; ते पण न गणी अने चुल्लणी राणीथी लाग्यो. केटलोएक काल गयो, तेवारें धनुनामें प्रधाने ते वृत्तांत यथार्थ जाणीने पोताना व रधनु नामें पुत्रने कयुंके, चुल्लणी कुशीलिणी थइ बे. माटे ए वात कुमर ने जावो. तेणें पण तेमज कयुं.
SR No.010251
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year
Total Pages405
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size46 MB
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