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________________ ३७ जैनकथा रत्नकोष नाग त्रीजो. ने गुरुये तिहांथी विहार कस्यो. हवे मन्नवादीने श्बा उपनी जे ए ग्रंय ढुं वांचं. गुरुयें मुफने शा माटें नणाव्यो नही होय ? पड़ी ते ग्रंथ साध्वी थी पण बानो नंमारामांथी लाने वांचवा लाग्यो. तेमां पहेली आर्या वां चे, ते आवी रीतेः-विधिनियमनंगवृत्ति, व्यतिरिक्तत्वादनर्थकं बौक्षम् ॥ जैनादन्यबासनमनृतं नवतीति वैधयं ॥ १ ॥ ए थार्यानो अर्थ सम जीने हर्ष पाम्यों थको आंख मीची एवामां श्रुतदेवी तेना हाथमाथी पुस्त क लश्ने अदृश्य थइ गइ. आंख उघाडी जुए डे तो हाथमां पुस्तक दी नहीं. तेवारें चिंतातुर थको विचारवा लाग्यो के में गुरुनी अनाझायें पुस्त क वांच्युं, तेनुं फल दुं पाम्यो. पड़ी ते वात मनवादीयें साध्वीनी आगल कही, साध्वीये श्रीसंघने कमु श्रीसंघ घणुं सुःख धरवा लाग्यो. मन्नवादीयें एवो अनिग्रह कस्यो, के जो ए पुस्तक मने पाईं मले, तो ढुं आहारमांहे विगय वहोलं, तिहां सुधी धान्यमा एक वाल खावा मोकला राख्या तथा ज्यांसुधी पुस्तक न म ले तिहां सुधी वनमांहेज रहेQ एवो निश्चय कस्यो. पदी श्रीसंघे आग्रह क रीने मनवादीनी देह रहाने अर्थे विगय मोकलुं राखवायूँ कह्यु. मनवा दीये पण संघनु कहेण मान्युं यतः ॥ कयकिच्चेहिवि तिहुयण, गुरुहिसिर दरिय पाणी पनमेहिं ॥ ज मनिऊ संघो, आणं को तस्स लंघे ॥१॥ पनी वलनी नगरीनी पासें एक पर्वत हतो,तिहां जा रह्या. एक वाल नामे धाननुं जोजन करे, श्रीसंध पण प्रतिदिवस श्रुतदेवता, याराधन करे. ॥हवे एकदा प्रस्तावें रात्रिने समयें मनवादी जागे , नयचक्र शा स्वनी पहेली आर्यानो अर्थ विचारे ले. एवामां श्रुतदेवी आवी पूब्यु के इष्टं ? मल्नें कह्युनाग्य वल्यु. वली बमहिना पनी तेजजगायें तेज वखतें श्रुत देवीयें पूज्यु “कान्यां” कोनी साथै मन्ने कयुं “घृतगुडान्यां" घृत गोल साथें एवी धारणा शक्ति देखी श्रुतदेवी चमकार पामी अने प्रत्यद थ कहेवा लागी के, माग. माग. हुं संतुष्ट थइ बुं. मन्ने कयुं के, नयचक्रशा स्त्रनुं पुस्तक आपो. श्रुतदेवीयें पुस्तक याप्युं अने कह्यु के तुं वादने वि पे अजय थाश्श, एवो वर थापी देवी अदृश्य थइ. पडी श्रीसंघ महोटा आमंबरसहित मन्नने नगरमा प्रवेश करवानो महोत्सव कस्यो. तथा व जी श्रीसंघे जिणाणंदसूरिने पण परदेशथी आग्रह करी तेडी पाण्या. त्र
SR No.010248
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1890
Total Pages397
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size45 MB
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