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________________ २२४ जैनकथा रत्नकोष नाग त्रीजो. देखीने सुनंदानुं मन चलायमान थयु. अने कहेवा लागी जे ढुं महारो पुत्र पाडो लइ जश्श. तेने संघे कह्यु के ए गुरुनो माल जे, ते कोथी ले वाय नहीं अमाराथी अपाय पण नहीं तेवारें कजीयो करवा लागी व ट बालक नहीं मलवाथी राजदरबारमा गइ,गुरु पण अन्यत्र विहार करी पाढा आव्या. श्रीसंघनी विनतिथी गुरु पण राजदरबारमां गया. राजायें एवो न्याय कस्यो के, तमो बेदजण पोतपोतानी तरफथी जुदी जुदी वस्तु उबालकने आपो. तेमां जेनी वस्तु ए बालक लइ लेशे, तेने ए पुत्र आ पगुं. तेवारें सुनंदायें सुखडी तथा रमकडां प्रमुख बालकनी आगल मू क्यां पण बालकें तेनी साहामुं पण जोयुं नहीं. पनी धनगिरिजीयें रजोह रण, मुहपत्ति तथा नोकरवाली प्रमुख धर्मोपकरणरूप रमकडां बालकनी आगल मूक्यां, अने कह्यु के हे, कुमर ! अमारी पासें तो ए धर्मनी रमत डे तहारं मन माने, तो ले. ए रमत तुमने नहीं गमे, तो संसारनी रमत ले. तेवारें कुमर रजोहरण प्रमुख सर्व वस्तु ल तेने मस्तकें चडावी नाचवा कु दवा लाग्यो. ते देखी संघमांहें जयजयकार थयो. सर्व बोट्या जे आ बाल क पण श्रीजिनासननो प्रानाविक थयो. राजायें कह्यु के न्याय थ चूक्यो. या बालक गुरुने आपी यो. पली तेने साध्वीने उपाशरे राख्यो. केटलि एक प्रतमां ा तेकाणे साध्वीने नातां जातां बालकने अगीयार अंग मुख पाते थयां, एq लरव्युं . अने केटलिकमां पूर्वे बालकनी महीनांनी वस्थामां ए वात लखी ,माटे जेम सुझोने जाणमां होय ते प्रमाणेवांचवी. पनी जेवारें वजकुमर आठ वर्षनो थयो तेवारें गुरुयें तेने दीक्षा दीधी, तेवखत सुनंदायें विचायु जे ढुं हवें घरमां कोने अर्थे रढुं. एम चिंतवी सिंहगिरि आचार्य पासेंथी दीक्षा लीधी. आचार्य अनुक्रमें उऊयणीय विहार करतां मार्गमां वजमुनिना पूर्वन व संबंधिनो मित्र जूंनक देवता हतो ते वजमुनिने देखी हर्ष पाम्यो. पड़ी परीक्षा करवामाटे वाणीयानो सथवारो विकूर्वीने नोजननिमित्तें गुरुने आग्रह करवा आव्यो के महाराज! शुक्ष्मान रसवती ,माटे चेलाने मो कलो. गुरुयें आशा आपी वजमुनि वहोरवा गया परंतु सूक्ष्ममेघ दृष्टि दे खी पाढा वव्या, तेवारें देवतायें वृष्टि रोकी राखी अने कहेवा लाग्यो के हवे पधारो. वजमुनि वहोरवा गया, तिहां तेणे कोलाफलनी निदा देवा
SR No.010248
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1890
Total Pages397
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size45 MB
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