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________________ जैनकथा रत्नकोष नाग पदेलो. किंवत् ? विनार्थबलवत् । नियकसैन्यवत् यथा निर्मायकं सैन्यं जयसाधक न तथा गुरोराज्ञां विना क्रियानुष्ठानादिकं सर्व निःफलं । गोशालक जमा लिकुलबालक निह्रवादिवत् ॥ एवं ज्ञात्वा गुर्वाझासहित सर्व कर्त्तव्यं ॥ यउक्तं श्रीकल्पसूत्रे ॥ असणवा. याहारेसए .॥ उच्चार पासवणं वा प रिवेत्तए ॥ सजायं वा करित्तए ॥ धम्मजागरियं वा जागरित्तए ॥ णो से कप्पर अणापुडित्ता र निरकू श्या अन्नायरं तवो कम्मं नवसंपजित्ताणं विहरित्तए ॥ तं चेव सत्वं जणियत्वं ॥नी नव्यप्राणिन् ! एवं ज्ञात्वा मनसि विवेकमानीय श्रीगुरुसेवा कर्त्तव्या ॥ कुर्वतां च सतां यत्पुस्य मुत्पद्यते, तत्पुण्यप्रसादात् उत्तरोत्तरमांगलिक्यमाला विस्तरंतु ॥इति ॥ १६॥ सिंदूरप्र कराख्यस्य, व्याख्यायां हर्षकीर्त्तिना ॥ सूरिणा विहितायां तु, गुरुसेवन प्रक्रमः ॥ ५ ॥ इति गुरुसेवनप्रक्रमः ॥ २ ॥ नाषाकाव्यः-वस्तुबंदध्यान धारनं ध्यानधारन, विषै सुख त्याग ॥ करु ना रस बादरन, नूमिशयन इंडिय निरोधन ॥ व्रत संयम दान तप नगतिजा व सित सोधन ॥ ए सब काम न आवही, ज्यों बिनु नायक सैन ॥ सि वसुख हेत बनारसी, कुंरु प्रतीत गुरु बैन ॥ १६ ॥ ___ कथाः-इहां गुरु सेवानो करनार मोदें जाय. तेनी नपर श्रीगौतमस्वामी नी कथा कहे :-एकदा प्रस्तावें श्रीवर्षमान स्वामीयें व्याख्यान करतां करतां उपदेश दीधो, जै अंष्टापदपर्वत उपर जरतचक्रवर्तीनी करावेली मा नोपेत चोवीश तीर्थकरनी प्रतिमा ने, तेने जे पोतानी लब्धिना बलें जश् वांदे, ते प्राणी तभवें मोदें जाय. ते सांनती श्रीगौतम स्वामी पो ताने मोद जावानो निर्णय करवा माटें प्रनुनी आज्ञा मागी अष्टापद जणी चाव्या, तेमने कौडिन्यादिक तापसोयें आवता दीठा, तेवारें ता पसो, माहोमांहे कहेवा लाग्या के आ महोटा मुनीश्वर आवे , पण योजन प्रमाण पावडी शी रीतें चडी सकशे? अमें महा तपस्याना करनार • पांचशे एक जण वे एक उपवास करी सूके पत्रे पारणुं करी एक पावडी चढया, पण बागल जश् शंकता नथी. एवो विचार करे डे, एवामां गौतम स्वामी चढया. यावत् दर्शन करी पाना फस्या, तेवारें श्रीगौतमस्वामी पा सेंथी सर्व पन्नरों ने त्रण तापसोयें दीक्षा लीधी, शासनदेवी साधुनो वेश आणी बाप्यो, पडी मार्गे धावतां सर्वने पूब्यु के तमारे बाजे शेर्नु
SR No.010246
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1867
Total Pages321
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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