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________________ श्रीगौतमप्टना अर्थसहित. २६३ त्रीश स्त्रीयो नित्यप्रत्ये नवनवां आनरण पहेरे , आगला दिवसनां पहे रेलां आनरण उतारी वाव्यंमां नाखी दीये . माटें ए अमारा स्वामीनू निर्माल्य जे. श्रेणिक महोटो चमत्कार पामी दान पुण्यना ए फल , एवं चिंतवी नोजन करी पोताना महेलमांआव्यो. पालथी शालिन.वैराग्य पा मी एवो मनमा निर्धार कस्यो के बत्रीश स्त्रीमाथी नित्य प्रत्ये एकेक बांझवी. हवे एज गाममां धनो शेव रहें जे. तेने शालिननी बहेन 'परणी . ते धनाने स्नान.करावे में तेने सेती.थकी देखीने धन्नायें पूज्यु के केम रडे ? तेणें कह्यु महारो नाइ नित्य एकेकी स्त्री परहरे के अने दीदा लेशे. तेने धन्नायें हसीने कयुं के तहारो नाइ एवो रांक कां थयो ? बत्री शे स्त्रीने एकजवारें केम त्यागतो नथी ? तेवारें स्त्री बोली के वातो कहे वी तो सुसन ,पण करवी अति उर्लन . तमें केम मूकी शकता नथी ? धन्नायें कह्यु के मने एटलुंज वचन तहारा मुखथी कहेराव हेतुं. हवे तुं बोलीश नही. जा में महारी आठे स्त्रीने हमणांज मूकी दीधी. ते सांन ली स्त्री पगे लागी मनाववा लागी के महाराज! में तो हसता हसतां तमारी साथें वातो करी, माटें तमारे रोष न करवो. इत्यादि रीतें घणो समजाव्यो, पण धन्ने कह्यु के महारा मुखमांथी वात निकली ते फरे न ही. एम कही तिहाथी कतीने पोताना शाला पासें गैयो, तेने समजावी साथें तेडीने शालिन तथा धन्नो ए बेतु जणे मली श्रीमहावीरपासें जा दीदा लीधी. धन्नानी बाते स्त्रीयें दीक्षा लीधी दीदामहोत्सव श्रेणिकरा जायें कराव्यो. बेदु साधु बह, अहम, दशम, ज्वालस मासखमणादि त प करता शरीरें अत्यंत उर्बल थया.. एकदा श्रीमहावीरनी साथै विहार क रतां राजगृही नगरीये श्राव्या. पारणा माटें लगवाने कह्यु के बाज तमारे माताने हाथें पारj थाशे. ते नणी नाने घेर गया, पण.शरीर फुर्बल थवाथी कोश्य उलख्या नहीं. पाबा वलतां मार्गमां पाउला नवनी माता मदियारण मली तेणे ऋषिने दीवाथी हर्षे करी तेना स्तनमाथी दूध धारा वहेवा लागी, पोतानी पासें महीनी माटली ती, तेनुं दान दीधुं. सा धुयें जगवान् पासें आवी पूब्युं के अमोने माताने हाथे पारणुं न थयुं जगवाने कह्यु के जेंने हाथे पारणुं थयुं ते शालिननी पूर्वनवनी माता हती.पनी वेदु साधुयें अनशन लीधुं. जाने खबर पडी बहु पश्चा
SR No.010246
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1867
Total Pages321
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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