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________________ 33 शात एवं उष्ण किरणों का कारण सूर्य चन्द्र के विमानों में स्थित जिन मन्दिर का वर्णन चन्द्र के भवनों का वर्णन इन देवों की आयु का प्रमाण सूर्य के बिम्ब का वर्णन बुध आदि गृहों का वर्णन सूर्य का गमन क्षेत्र दोनों सूर्यों का आपस में अन्तराल का प्रमाण सूर्य के अभ्यन्तर गली की परिधो का प्रमाण दिन-रात्रि के विभाग का क्रम छोटे बड़े दिन होने का विशेष स्पष्टी करण दक्षिणायन एवं उत्तरायण एक मुहुर्त में सूर्य के गमन का प्रमाण एक मिनट में सूर्य का गमन अधिक दिन एव मास का क्रम सूर्य के ताप का चारों तरफ फैलने का क्रम लवण समुद्र के छटे भाग की परिधि सूर्य के प्रथम गली में रहने पर ताप तम का प्रमाण सूर्य के मध्य गली में रहने पर ताप तम का प्रमाण सूर्य के अन्तिम गली में रहने पर ताप तम का प्रमाण चकवर्ती द्वारा सूर्य के जिन विब का दर्शन पक्ष-मास-वर्ष आदि का प्रमाण दक्षिणायन एवं उत्तरायण का क्रम सूर्य के १८४ गलियों के उदय स्थान चन्द्रमा का विमान गमन क्षेत्र एवं गलियाँ चन्द्र को एक गली के पूरा करने का काल
SR No.010244
Book TitleJain Jyotirloka
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMotichand Jain Saraf, Ravindra Jain
PublisherJain Trilok Shodh Sansthan Delhi
Publication Year1973
Total Pages152
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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