SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 58
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (४६) "महावीर के अनुयायियों का स्वभाव वक्र और लापरवाही करने का था, इसलिए संभव था कि वे रंगीन वस्त्रों का पक्ष ग्रहण करके उनकी ओर मन चलाते | यही कारण था कि उनको केवल श्वेत वस्त्र धारण करने की आज्ञा का आदेश किया गया। परन्तु पार्श्वनाथ के अनुयायी सरलता और सदाचार की तरफ झुके हुए थे, इसलिए वे वस्त्रों को अपनी नगनत्व लज्जा ढकने का साधन मात्र समझते थे और वस्त्रों के प्रति तनिक भी मोह अथवा पक्षपात न रखते थे। इन्हीं पृथक् पृथक् बातो के कारण भिन्न भिन्न प्रकार के वस्त्रों का आदेश दिया गया" । जैनधर्म के दो प्रसिद्ध आचार्य केसी और गौतम के उपरोक्त वार्तालाप से बिलकुल स्पष्ट हो जाता है कि महावीर ने केवल रंगीन वस्त्रों की जिनको पाश्वे के अनुयायी धारण करते थे, मनाई की थी और परिवतित परिस्थितियों की आवश्यक्ताओं के अनुसार रंगीन वस्त्रों के स्थान में केवल श्वेत वस्त्र धारण करने का आदेश किया था। इससे निकलनेवाला परिणाम । जब ऐसे पुष्ट प्रमाणो से यह सिद्ध होता है कि पार्श्व और महावीर दोनों ने ही वस्त्र धारण करने की आज्ञा दी, तब दिगम्बरों का यह कहना कि हम ही महावीर के मब से प्राचीन और असली अनुयायी हैं और तीर्थंकरों ने सर्वथा
SR No.010241
Book TitleJain Itihas
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages115
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy