SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 13
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( ५ ) उत्पत्ति क्यों कब और कैसे हुई। मालूम होता है कि इन विद्वानोंने जैन, हिन्दू और बौद्ध धर्म के सिद्धान्तों का कभी गहरा अध्ययन ही नहीं किया । उन्होंने इन धर्मों के विषय मे केवल ऊपरी ज्ञान प्राप्त करके अपनी अपनी राय कायम करली। उन्होंने अपने तर्क की भित्ति अशुद्ध पुर्वावयवों पर खड़ी की और इस लिये वे अशुद्ध नतीजे पर पहुंचे । जर्मनी के प्रोफेसर हरमन जेकोवी नामक प्रौढ पंडित ने जैन और बौद्ध धर्मों के सिद्धान्तों की समानता की बहुत छानवीन की है और इस विषय की बहुत विस्तार के साथ आलोचना की है। प्रो. हरमन जेकोवी ने अकाट्य प्रमाणों के द्वारा यह सिद्ध कर दिया है कि जैन धर्म की उप्तत्ति न तो महावीर के समय में ( ५२७ - ४५५ ईसा से पुर्व ) और न पार्श्वनाथ के समय में ( ८७७-७७७ ईसा से पूर्व ) हुई किन्तु इससे भी बहुत पहले भारतवर्ष के अति प्राचीन काल में यह अपनी हस्ति होने का दावा रखता है । जैन धर्म की प्राचीनता. जैन धर्म की प्राचीनता के विषय मे अब हम संक्षेप में विचार करेंगे । ५. महावीर का निर्वाण कब हुवा इस विषय मे मतभेद है । कुछ लोग ईसा से ५२७ वर्ष पूर्व और कुछ लोग ४६७ वर्ष पूर्व महावीर का निर्वाण समय मानते हैं ।
SR No.010241
Book TitleJain Itihas
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages115
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy