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________________ ( ७७ ) 9 अापकी माला में कितनी मणियां होती हैं...? --कुल १०८ तथा ३ सुमेर की मणियां... ● आपके प्राचीन मन्दिरों की समन्व-कला कैसी -जन व वैष्णव मूर्तियों की एक ही मन्दिर में स्थापना... ॐ जैन शिल्ल में श्री कृष्ण-अंकन का समावेश... -जैन मूर्तियों और मन्दिरों की वैष्णवों द्वारा , पूजा... ७ प्रापकी अन्य व्यावहारिक मान्यताये...? -प्रत्येक शुभ कार्य में गणेश पूजन, स्वास्तिक, प्रोम का माहात्मय... --राम और कृष्ण को अवतार मानना, सीता को सती स्वीकारना... -~~~-पूजन विधि वैष्णवों के समान -~कर्म और फल के सिद्धान्तों में विश्वास...
SR No.010239
Book TitleJain Hindu Ek Samajik Drushtikona
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Mehta
PublisherKamal Pocket Books Delhi
Publication Year
Total Pages179
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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