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________________ धर्म की एक शाखा है । हिंदू धर्म इस तथ्य पर गर्न कर सकता है और करता है। ___वर्तमान शिक्षा प्रणाली हिंदू समुदाय की भावनाओं एवं मान्यताओं के विपरीत घड़ी गई थी, अतः इस सम्पूर्ण सामर्थ्य हिंदूससुदाय के स्वरूप को विकृत कर इसे विश्व में निकृष्ट सिद्ध करने में लग रहा है। इस कुशिक्षा के कुकृत्यों का उल्लेख तो इस स्थान पर नहीं किया जा सकता, परन्तु कुछ एक ऐसे प्रयासों को, जो प्रसंग में नितांत उपयुक्त है, प्रकट करना हम आवश्यक समझते शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी भाषा होने से अनेकानेक अंग्रेजी के ऐसे शब्दों का हठपूर्वक संस्कृत के प्रचलित शब्दों का पर्याय मान लिया गया है, जिनसे भयंकर परिणाम निकल रहे हैं। यहां हम ऐसे दो एक शब्दों के विषय में ही लिखेंगे। उदाहरण के रूप में 'धर्म' शब्द का अंग्रेजी में अनुवाद 'रिलीजन' किया गया है। इक्के-दुक्के वैदिक भाषा को समझने वाले कहते हैं कि हिंदू धर्म के अर्थ 'रिलीजन' नहीं और हिंदू धर्म से वे सब बातें नहीं जोड़ी जा सकतीं, जिनका संबंध रिलीजन से है। परन्तु प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में अंग्रेजी भाषा के माध्यम से शिक्षित, स्कूलों कालेजों से निकलने वाले विद्यार्थी तो धर्म को रिलीजन ही मानेंगे और फिर हिंदू को एक मजहब ही कहते जायेंगे। यह वात केवल कहने मात्र की ही नहीं है वरन् इस एक शब्द के मिथ्या अर्थ करने से सहस्त्रों नहीं, लाखों स्थानों पर हिन्दू शास्त्रों में धर्म शब्द के अर्थ विकत किये जा रहे हैं।
SR No.010239
Book TitleJain Hindu Ek Samajik Drushtikona
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Mehta
PublisherKamal Pocket Books Delhi
Publication Year
Total Pages179
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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