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________________ ( १०२ ) सामिल प्रान्त के-पांडय नरेश, पल्लववंशी-शिवस्कन्द वर्मा महाराज पल्लवराज-महेन्द्र देव वर्मा, गंगवंशीय-मारसिंह, नासिक के राजा-राष्ट्रकूट, अमोघवर्ष प्रथम, तथा सेनापति-विमल, कुमारपाल इरुगप्य, मंत्री-तेजपाल, वस्तुपाल, चामुण्डराय । पुष्पदन्त ब्राह्मण थे, उनके माता-पिता पहले शैव थे, परन्तु पीछे किसी दिगम्बर जैन गुरू के उपदेश से जन हो गये। भगवान महावीर के समय मगध देश की राजधानी राजगृही । में इन्द्रभूति नामक गौतम गोत्रीय वेद-वेदांग में पारंगत एक शीलवान ब्राह्मण विद्वान ने महावीर स्वामी के पादमूल में जिनदीक्षा ले ली और उनका प्रधान गणधर बन गया ।' १-जैन धर्म : पृष्ठ २६३, २१
SR No.010239
Book TitleJain Hindu Ek Samajik Drushtikona
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Mehta
PublisherKamal Pocket Books Delhi
Publication Year
Total Pages179
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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