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________________ ग्रंथ व ग्रंथकार २१ उपदेशमाला ( क्षमाश्रमण धर्मदास गणी वि० ५वीं शती) २२ कीर्तिकेयानुप्रा ( दिगम्बर आचार्य स्वामीकीर्तिकेय वि० १२ वीं शती) २३ कुमारपालप्रबन्ध ( आचार्य हेमचन्द्रसूरि १२वीं शती) २४ गच्छाचारपइण्णा ( प्रकीर्णक आगम ८४ आगमों की क्रमसूची में ५४ वां आगम) २५ चन्दचरित्र ( प्राचीन संस्कृत काव्य ) २६ जनसिद्धान्तदीपिका ( आचार्य तुलसी, वर्तमानशती, जैन श्वेताम्बर तेरापंथ ) /२७ तत्त्वार्थ सूत्र ( आचार्य उमास्वाति वि० ३ शती) २८ तन्दुलवैचारिक ( ४५ आगमों की क्रमसूची में ३८वां आगम ) २६ तपोष्टक ( उपाध्याय यशोविजयजी वि- १८ वीं शती) ३० दशर्वकालिकसत्र ( आचार्य शय्यंभव संकलित चार मूल आगमों में – प्रथम आगम) ३१ दशवेकालिक नियुक्ति २३७ ( आचार्य भद्रबाहु ) ३२ दशा तस्कंध ( आगमों में चार छेद में अन्तिम छेद सूत्र )
SR No.010229
Book TitleJain Dharm ki Hajar Shikshaye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni
PublisherHajarimalmuni Smruti Granth Prakashan Samiti Byavar
Publication Year1973
Total Pages279
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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