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________________ अध्याय ३ विजय देव पंडिताचार्य महासेन (सुलोचनाकथा के कर्ता) सर्वनन्दि कविलाचार्य वादीसिंह प्रकीति वीरसेन (धवलाटीका के कर्ता) जयसेन अमितसेन कोतिषण श्रीपालदेव जिनसेनाचार्य (पुन्नाट संघी) जिनसेनाचार्य दशरथगुरु गुणभद्राचार्य लोकसेन शाकटायन (पाल्य कीति) उग्रदित्याचार्य महावीराचार्य अपराजितगुरु श्रीदेव स्वयंभूकवि प्रभयनन्दि अनन्तवीर्य देवेन्द्रसैद्धान्तिक कलधौत नन्दि सिद्धभूषण सर्वनन्दि हवीं और १०वीं शताब्दी के प्राचार्य गुरुकीतिमुनीश्वर इन्द्रकीति अपराजितसूरि (श्री विजय) अमितगति प्रथम विनयसेन अमृतचन्द्र ठक्कुर. रामसेन इन्द्रनन्दि (ज्वालामालिनी ग्रन्थ के कर्ता) गुरुदास बाहुबलि देव कनकसेन सर्वनन्दि भट्टारक नागवर्म प्रथम नागवर्म द्वितीय प्राचार्य महासेन प्रादिपंप कवि पौन्न, महाकवि रन्न गुणन्दि यशोदेव नेमिदेवाचार्य महेन्द्र देव सोमदेव, काल योगीश कवि प्रसग विमलचन्द्र मुनीन्द्र महामुनि वक्रग्रीव हेलाचार्य १६५
SR No.010227
Book TitleJain Dharm ka Prachin Itihas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParmanand Jain
PublisherRameshchandra Jain Motarwale Delhi
Publication Year
Total Pages591
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size65 MB
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