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________________ मोक्ष के साधन / 191 सम्यक् ज्ञान वस्तुओं को यथा रीति जैसा का तैसा जानना सम्यक ज्ञान है । दृढ़ आत्मविश्वास के अनन्तर ज्ञान में सम्यक्पना आता है। यों तो संसार के पदार्थों का ज्ञानहीनाधिक रूप में प्रत्येक व्यक्ति को होता है। पर उस ज्ञान का आत्मविकास के लिए उपयोग करना बहत कम लोग ही जानते हैं। सम्यक दर्शन के पश्चात उत्पन्न हआ ज्ञान आत्मविकास का कारण होता है। स्व और पर का भेद विज्ञान यथार्थतः सम्यक्ज्ञान है। हेयोपादेय का विवेक कराना इसका मूल कार्य है।" सम्यक् ज्ञान के अंग सम्यक् दर्शन की तरह सम्यकज्ञान के भी आठ अग निरूपित किए गए हैं। 1. शब्दाचार-मूलग्रन्थ के शब्दों (स्वर, व्यञ्जन और मात्राओ) का शुद्ध उच्चारणपूर्वक पढ़ना। 2. अर्थाचार-शास्त्र की आवत्ति मात्र न करके उसका अर्थ समझकर पढना । 3. तदुभयाचार-अर्थ समझते हुए शुद्ध उच्चारण सहित पढना । 4. कालाचार-शास्त्र पढ़ने योग्य काल में ही पढ़ना, अयोग्य काल में नहीं । दिग्दाह, उल्कापात,सूर्य-चन्द्र-ग्रहण,संध्याकाल आदि में शास्त्र नहीं पढ़ना चाहिये। 5. विनयाचार-द्रव्य क्षेत्र आदि की शुद्धि के साथ विनयपूर्वक शास्त्र अभ्यास करना। 6. उपधानाचार-शास्त्र के मूल एवं अर्थ का बार-बार म्मरण करना, उमे विम्मरण नहीं होने देना उपघानाचार है। 7. बहुमानाचार-ज्ञान के उपकरण एवं गुरुजनों की विनय करना। 8. अनिन्हवाचार-जिस शास्त्र या गुरु मे ज्ञान प्राप्त किया है उसका नाम न छिपाना। उक्त आठ अंगों के पालन से सम्यक् ज्ञान पुष्ट और परिष्कृत होता है। सम्यक् ज्ञान के भेद सम्यक् ज्ञान के पांच भेद हैं। मति. श्रुत अवधि मन : पर्यय और केवल ।' मतिज्ञान-इन्द्रिय और मन की सहायता से होने वाला ज्ञान मतिज्ञान है। इसके चार भेद हैं। अवग्रह ईहा अवाह और धारणा । विषय और विषयी के मन्नपात/सम्पर्क के अनन्तर “आदितम कुछ है" इस प्रकार के अर्थबोध को अवग्रह कहते हैं। अवग्रह के द्वारा ज्ञात पदार्थ के विषय में और स्पष्ट जानने की इच्छा की ईहा कहते हैं । ईहा में निर्णय की ओर झुकाव होता है। ईहा के बाद एक निर्णय पर पहुंचना अवाय है। अवाय द्वारा गृहीत अर्थ को संस्कार के रूप में धारण 1. उपासका अध्ययन-241 2. श्रावकाचार सग्रह1/9 3 न स.1/9
SR No.010222
Book TitleJain Dharm aur Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPramansagar
PublisherShiksha Bharti
Publication Year
Total Pages300
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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