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________________ २७१ की अपेक्षा करके जो वचन कहा जाता है वह 'प्रतीत्य सत्य' है। जो वचन लोक रूढ़ि में सुना जाता है वह 'संवृति सत्य है। जैसे—पृथिवी आदि अनेक कारणों के होने पर भी पंक अर्थात् कीचड़ में उत्पन्न होने से 'पंकज' इत्यादि वचन का प्रयोग। सुगन्धित धूपचूर्ण के लेपन और घिसने में अथवा पत्र, मकर, हंस, सर्वतोभद्र और क्रौञ्च रूप व्यूह (सैन्य रचना) आदि में भिन्न भिन्न द्रव्यों की विभाग विधि के अनुसार की जानेवाली रचना को प्रगट करने वाला वचन 'संयोजना सत्य' है। आर्य व अनार्य भेद युक्त वत्तीस जनपदों में धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष का प्रापक वचन 'जनपदसत्य' है। जो वचन ग्राम, नगर, राजा, गण, पाखण्ड, जाति, एवं कुल आदि धर्मों का उपदेश करने वाला है वह 'देशसत्य' है । छमस्थ ज्ञानी के द्रव्य के यथार्थ स्वरूप का दर्शन होने पर भी संयत अथवा संयतासंयत के अपने गुणों का पालन करने के लिए “यह प्रासुक है-यह अप्रासुक है" इत्यादि जो वचन कहा जाता है वह 'भावसत्य' है। जो वचन आगमगम्य प्रतिनियत छह द्रव्य व उनकी पर्यायों की यथार्थता को प्रगट करने वाला है वह 'ममयसत्य है।' इसी प्रकार असत्य के भी भेद किये गये हैं। पुरूषार्थ सिद्धघुपाय' में असत्य के चार भेद मिलते हैं --(१) अस्तिरूप वस्तु का नास्तिरूप कथन, (२) नास्ति रूप वस्तु का अस्तिरूप कथन, (३) कुछ का कुछ कह देना, जैसे-बैल को घोड़ा कह देना, और (४) चतुर्थ असत्य के तीन भेद किये गये हैं-गहित, सावध और अप्रिय । उपासकाध्ययन में असत्य के चार भेद किये गये हैं - असत्यसत्य, सत्य-असत्य, सत्य-सत्य और असत्य-असत्य ।' स्याद्वादमंजरी में असत्यअमृषा भाषा बारह प्रकार की बतायी गई है(१) आमन्त्रणी-'हे देव! यहां आओ' इस प्रकार के अमन्त्रण को सूचित करने वाली भाषा । (२) आज्ञापनी- 'तुम यह काम करो' इस प्रकार की आज्ञार्थक भाषा। (३) याचनी-'यह दो रूप याचनार्थक भाषा । (४) प्रच्छनी- अज्ञात अर्थ को पूछना । (५) प्रज्ञापनी- उपदेश सूचक वचन । १. तत्वार्थराजवातिक, १.२०; चारित्रसार, पृ. ६२. २. पुरुषार्थ सिधुपाय, ९१-९५. ३. उपासकाध्ययन, ३८३; प्रश्नव्याकरण, सूत्र २.६. ४. स्याद्वादमंजरी, ११, लोकप्रकाश, तृतीय सर्ग, योगाधिकार.
SR No.010214
Book TitleJain Darshan aur Sanskriti ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagchandra Jain Bhaskar
PublisherNagpur Vidyapith
Publication Year1977
Total Pages475
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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