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________________ २ पांडुराजा अने पांच पाण्डव माता कुन्तां सहित नारद से निप्रदक्षिणा देई वन्दना नमस्कार कियो। घगी विनय कियो। ____ (ज्ञाता अ० १६) ३ जिम पांडु नारद नो विनय कियो तिमहिज कृष्ण पिण नारद नो विनय कियो। (ज्ञाता २०१६) ४ साधु गृहस्थादिक ने वांदतो थको अशनादिक जाचे नहौं। (दशवकालिक अ० ५ उ०२ गा० २६) ५ अम्बड़ ने चेला धर्माचार्य कही नमोत्थुणं गुण्यो । (उचवाई अ० १३) ६ धर्माचार्य साधु ने कह्या। (राय प्रसेणी) ७ भरत चक्रवर्ती चक्र रत्न ने नमस्कार कियो। (जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति) ८ तीर्थकर जन्म्या ते द्रव्य तीर्थङ्कर ने इन्द्र नमोत्थुणं गुण नमस्कार करै। (जम्बूद्वीप प्रशप्ति) ६ इन्द्र एहवं कह्यो जे तीर्थकर नौ जन्म महिमा कर ते म्हारो जीत आचार छै मिण ये महिमा धर्म हेतु करू इम नथौ कह्यो। (जम्बूद्वीप प्राप्ति)
SR No.010204
Book TitleJain Bhajan Mala
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages89
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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