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________________ ( २९१ ) को करे और जो चौमासी को भी न बन आवे तो छमच्छरी को तो ज़रूर ही पोषा करे क्योंकि वर्ष दिन में एक दिन तो सफल हो जाय इत्यर्थम् | और दिवस के पडिकमण में ४ लोगस्स का ध्यान करे और रात्री के पडिक्कमण में २ का ध्यान करे और तप का विचार करे और पक्षी को १२ का ध्यान करे चौमासीको २ पडिकमण और २० का ध्यान छमच्छरी को २ पडिकमण ४० का ध्यान करे ॥ इति तृतीय शिक्षा व्रतम् ३ ॥ ॥ अथ चतुर्थ शिक्षा व्रत प्रारम्भः || चतुर्थ शिक्षा व्रत आतिथ्य संविभाग, सो तथा रूप श्रमण साधु त्यागी पुरुष को
SR No.010192
Book TitleGyandipika arthat Jaindyot
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParvati Sati
PublisherMaherchand Lakshmandas
Publication Year1907
Total Pages353
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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