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________________ - विषय और पशु को स्वर्ग अथवा वहिश्त में पहुंचाया कहते हैं (सो)उन को बहुत अच्छे जवाब देकर झूठा किया है और कुछक पाप का फल भी दिखलाया है .... २६९ / ६ छठी शिक्षामें जो खेत में चूहे होजायें तो उन को मारे नहीं ऐसा भाव है .... ७ सातवीं शिक्षा में पराए खेत में चोरी करने ___ की मनाही है और खेतादिक में अग्नि लगाने की मनाही है और इत्यादि कई प्रकार के यत्न करने की विधि है .... २७८ ८ आठवीं शिक्षा में शूद्रवर्ण के नर तथा नारी को मुकृत करने की प्रेरणा ज्ञानी कौन अज्ञानी कौन चतुर और मूर्ख कौन ब्राह्याण कौन और चण्डाल कौन इत्यादि २८० । ॥ अथ पूर्वक ब्रत ॥ १० दसवां २ शिक्षा व्रत जो आश्रव की मर्यादा रूप सम्बर है तिस का स्वरूप २८८||
SR No.010192
Book TitleGyandipika arthat Jaindyot
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParvati Sati
PublisherMaherchand Lakshmandas
Publication Year1907
Total Pages353
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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