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________________ ( १९६ ) - कर्म विपाक प्रकरण में से ३० सामान्य कर्म | वंध फल कहते हैं ॥ यथाः१ प्रश्न-निर्धन किस कर्म से हो ? उत्तर- पराया धन हरने से० २ प्र० दरिद्री किस कर्म से होय ? उ० दान देते को वर्जने से० ३ प्र० धन तो पावै परन्तु भोगना नहीं मिले कि० उ० दान दे के पछतावने से० ४ प्र० अकुली अर्थात् जिस पुरुष से पुत्र पुत्री न होय किस० उ० जो बृक्ष रस्ते के ऊपर हो जिन से अनेक पशु और मनुष्य फल फूल खावें और छाया ' करके सुख पावें ऐसे बृक्षों को कटवावे तो० ५ प्र० बन्ध्या किस कर्म से होय ? । उ० गर्भ गलावे तथा गर्भ गलाने की औषधि देवे तथा गर्भवती मृगी का बध करे तो० ६ प्र० मृत बन्ध्या किस कर्म से होय ? उ० गण आदि का भुर्था करे तथा होले करे -
SR No.010192
Book TitleGyandipika arthat Jaindyot
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParvati Sati
PublisherMaherchand Lakshmandas
Publication Year1907
Total Pages353
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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