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________________ 250 ] दिगम्बर जैन साधु मुनि श्री पारससागरजी महाराज आपने पू० आचार्य शान्तिसागरजी की वैयावृत्ति की तथा आचार्य श्री की समाधि से पूर्व समाधिमरण आचार्य श्री के सानिध्य में किया । आपने मुनि आदिसागरजी से दीक्षा ली थी । प्रायिका सुमतिमती माताजी आपका जन्म खटाऊ जिला सतारा बम्बई प्रान्त में हुआ । श्रापकी इस समय आयु ६५ वर्ष की है । सातवीं प्रतिमा तीस वर्ष की आयु में चारित्र चक्रवर्ती शांतिसागरजी महाराज से ली और क्षुल्लिका के व्रत आचार्य पायसागरजी महाराज से और गत वर्ष अर्जिका की दीक्षा आचार्य देशभूषणजी महाराज से ली आप दीर्घ तपस्वी, कष्ट सहिष्णु और बड़ी धर्मनिष्ठ हैं । ¤ ¤ क्षुल्लिका राजमती माताजी आपका जन्म दक्षिण भारत में हुआ | आपने पच्चीस वर्ष की आयु में दीक्षा ली। हिन्दी संस्कृत की अच्छी विदुषी और कुशल वक्ता हैं । आपके पति ने भी मुनि दीक्षा अंगीकार करली है ।
SR No.010188
Book TitleDigambar Jain Sadhu Parichaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain
PublisherDharmshrut Granthmala
Publication Year1985
Total Pages661
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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