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________________ दिगम्बर जैन साधु [ ५६६ स्वयं वीक्षित मुनि श्री वीरसागरजी महाराज मुनि श्री सिद्धसागरजी महाराज मुनि श्री वर्द्ध मानसागरजी महाराज मुनि श्री कुन्थुसागरजी महाराज (गुजरात) मुनि श्री नेमिसागरजी महाराज क्षुल्लक श्री जम्बुसागरजी मुनिश्री वीरसागरजी महाराज A . . ' it.. SALMAN. . .." . : L जन्म स्थान-गंज बासौदा जन्म तिथि -सम्वत् १९७६ वैसाख मास दीक्षा तिथि-माघ कृष्ण १ सं० २०१६ आपका जन्म ग्राम वासौदा में सम्वत् १९७६ में वैसाख मास के प्रथम पक्ष रविवार में हुआ था आपके पिता का नाम श्री सोमतरायजी एवं मातुश्री का नाम श्रीमती हरखोवाई था। आपका गृहस्थ अवस्था का नाम श्री गुलाबचन्दजी भण्डारी था आपकी वासौदा में किराने की दुकान थी आप शतरंज के विशेष खिलाड़ी थे । आपके दीक्षा लेने के २ मुख्य कारण हैं-एक तो श्री १००८ पार्श्वनाथ भगवान की फोटू में एक नया चमत्कार हुआ देखकर तथा दूसरे आपने नगर से बाहर कुछ हरिजनों को एक मरे हुये बैल की खाल निकालते हुये देखा, देखकर आत्मा संसार से भयभीत सी हो गयी आपने सोचा इस वैल की चमड़ी तो कम से कम मनुष्य के काम में आ ही जाती है लेकिन बगैर प्रात्म कल्याण किये मनुष्य की चमड़ी तो किसी भी काम की नहीं sixed:: : ...
SR No.010188
Book TitleDigambar Jain Sadhu Parichaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain
PublisherDharmshrut Granthmala
Publication Year1985
Total Pages661
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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