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________________ ५५४ । दिगम्बर जैन साधु क्षुल्लक श्री चिदानन्दजी महाराज श्री १०५ क्षुल्लक चिदानन्दजी महाराज का गृहस्थावस्था का नाम दामोदरदासजी था। आपका जन्म अगहन सुदी पंचमी विक्रम संवत् १६६७ में दरगुवां जिला छतरपुर मध्यप्रदेश में हुआ था। आपके पिता का नाम, . . जवाहरलालजी व माता का नाम भुजबलीबाई था । आपके पिता घी के एक सफल व्यापारी थे जाति गोलापूरब गोत्र ... शाह है.। आपकी धार्मिक एवं लौकिक शिक्षा साधारण हुई । आपने विवाह नहीं किया, बाल ब्रह्मचारी ही रहे । ब्रह्मचारी श्री मोतीलालजी के उपदेश से आपमें . वैराग्य प्रवृत्ति की जागृति हुई । नापने विक्रम संवत् २०७४ में क्षुल्लक श्री १०५ गणेशप्रसादजी वर्णी से क्षुल्लक दीक्षा ले ली । आपने कई स्थानों पर पाठशालाएं खुलवाई । खंडेरी, दिल्ली आदि स्थानों पर. चातुर्मास कर उपदेश द्वारा धर्म प्रभावना की। ___आपको मोक्षशास्त्र, छहढाला, सहस्रनाम स्तोत्र का विशेष ज्ञान था। संस्कृत के प्रापको हजारों श्लोक याद थे। आपने देश और समाज की जो सेवा की उसे देश और समाज कदापि नहीं भूलेगा । आपके सम्मान में चिदानन्द स्मृति ग्रन्थ प्रकाशित हुआ जो आपके यशोकृतित्व का प्रतीक है।
SR No.010188
Book TitleDigambar Jain Sadhu Parichaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain
PublisherDharmshrut Granthmala
Publication Year1985
Total Pages661
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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