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________________ ५४४ ] दिगम्बर जैन साधु प्राचार्य श्री सूर्यसागरजी महाराज द्वारा . दीक्षित शिष्य मुनि श्री गणेशकीतिजी क्षुल्लक पूर्णसागरजी L. आ० श्री सूर्यसागरजी महाराज .. .. .... . . . मुनिश्री गणेशकोतिजी महाराज पूज्य वर्णीजी का जन्म विक्रम संवत् । १६३१ की आश्विन कृष्ण चतुर्थी को असाटी वैश्य के मध्यम वर्ग परिवार में हुआ था। इनके पिताजी का नाम हीरालाल एवं माताजी का नाम उजयारी बहु था । लोग इन्हें गणेश नाम से पुकारने लगे। बुन्देलखण्ड के गांव में लोग कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को व्रत रखते हैं। इसी . कारण से इनका नाम गणेशप्रसाद रखा गया। परन्तु यह कौन जानता था कि यह "गणेश" सचमुच गण+ईश होगा। किन्तु इन्होंने अपने . E . .... - - AT Var.'
SR No.010188
Book TitleDigambar Jain Sadhu Parichaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain
PublisherDharmshrut Granthmala
Publication Year1985
Total Pages661
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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