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________________ ५१६ ] दिगम्बर जैन साधु मुनि श्री श्रेयांससागरजी महाराज वर्धा द्वारा दीक्षित शिष्य ऐलक श्री चन्द्रसागरजी । क्षुल्लक श्री विश्वनन्दीजी R RB S Cine. 20.. . -:mirman. .. .. . . -- Connouth ..... .. e स् मुनि श्रेयांससागरजी महाराज . . NRNA-NAMANANTARNAMANANMMMMMMMMMMA ऐलक चन्द्रसागरजी महाराज ___ आपका जन्म सिमरया जि० ललितपुर में हुवा था । आपका नाम बच्चूलाल था । आपके पिता मोदी खुशालचन्दजी थे। परिवार जाति में जन्म लेकर जाति को उन्नत बनाया । आप ३ भाई तथा एक बहिन हैं । साडूमल जैन विद्यालय में शिक्षा प्राप्त की थी। भ० महावीर स्वामी. के निर्वाण महोत्सव के पावन अवसर पर मासोपवासी मुनि सुपावसागरजी से दूसरी । प्रतिमा के व्रत धारण किए। सं० २०३२ में मुनि नेमसागरजी से क्षु० दीक्षा ली सं० २०३७ में फिरोजाबाद में श्रेयांससागरजी से ऐलक दीक्षा ली। क्षुल्लक श्री विश्वनंदीजी महाराज आपका जन्म जैनवाड़ी (जि. सोलापुर) सन् १९५७ में हुआ। आपका गृहस्थ अवस्था का नाम शान्तिनाथ कलवंडा पाटील रहा । आपने मुनि श्रेयांससागरजी से क्षुल्लक दीक्षा ली। . .. S
SR No.010188
Book TitleDigambar Jain Sadhu Parichaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain
PublisherDharmshrut Granthmala
Publication Year1985
Total Pages661
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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