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________________ ४६८ ] दिगम्बर जैन साधु क्षुल्लक श्री वीरसागरजी महाराज क्षुल्लक श्री वीरसागरजी महाराज परिचय अप्राप्य क्षुल्लक श्री समता सागरजी महाराज 1 श्री अमृतलालजी का जन्म डूंगरपुर राजस्थान में ६० वर्ष पूर्व हुवा था । आपके पिताजी का नाम कस्तूरचन्दजी दशाहुम्मड़ जाति के थे । आपके ३ पुत्र, १ पुत्री है । १ पुत्री कु० वीरगा जैन आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत धारण कर आत्म साधना कर रही है । श्रापने भरे पूरे परिवार को छोड़कर पू० आ० सन्मतिसागरजी महाराज से क्षु० दीक्षा दिनांक ६-११-८३ को डूंगरपुर में ही धारण की । अपने नाम के अनुसार ही आपकी वृत्ति है । धन्य है श्रापका जीवन ।
SR No.010188
Book TitleDigambar Jain Sadhu Parichaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain
PublisherDharmshrut Granthmala
Publication Year1985
Total Pages661
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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