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________________ दिगम्बर जैन साधु [ ४१७ आर्यिका पार्श्वमती माताजी __ श्री पार्वमतीजी का जन्म राजस्थान प्रान्त के प्रसिद्ध नगर अजमेर में सं० १९५६ मंगसिर बदी १२ को हुवा था। आपका जन्म नाम वारसीबाई था पिता का नाम श्री सौभाग्यमलजी सोनी था । माता का नाम सुरजीबाई तथा आपके पति का नाम श्री जसकरणजी गंगवाल कड़ेल निवासी थे । आपके पति का शादी के कुछ दिनों बाद ही स्वर्गवास हो गया था। पुण्य योग से आप आचार्य कल्प श्री चन्द्रसागरजी के सम्पर्क में आये तथा पू० महाराजजी से क्रमशः क्षुल्लिका एवं प्रायिका दीक्षा धारण की आपने सारे भारतवर्ष में विहार कर धर्म प्रभावना की है। आज भी प्राचार्य धर्मसागरजी महाराज के संघ में रहकर धर्म साधना में रत हैं । इस समय कठोर व्रतों को पाल रही हैं। मात्र हड्डियों का ढांचा ही है पर तप त्याग अपूर्व है। मुनि श्री सिद्धिसागरजी महाराज R E .. आपने परम पू० आचार्य कल्प चन्द्रसागरजी महाराज से दीक्षा ली तथा महान कष्टों को सहते हुए समाधिमरण प्राप्त कर आत्म कल्याण किया। ४५.. . . .. --... -
SR No.010188
Book TitleDigambar Jain Sadhu Parichaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain
PublisherDharmshrut Granthmala
Publication Year1985
Total Pages661
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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