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________________ मुनि वाहुवलीसागरजी क्षुल्लक विजयसागरजी मुनि भरतसागरजी क्षुल्लक वृषभसागरजी मुनि पार्श्वसागरजी क्षुल्लक सुमतिसागरजी मुनि उदयसागरजी क्षुल्लक शांतिसागरजी मुनि मतिसागरजी क्षुल्लक नेमिसागरजी मुनि पुष्पदन्तजी क्षुल्लक आदिसागरजी मुनिश्री भूतवलीजी क्षुल्लक समाधिसागरजी मुनिश्री सुधर्मसागरजी आर्यिका विजयमतीजी मुनिश्री आनन्दसागरजी आर्यिका गोम्मटमतीजी मुनिश्री पार्श्वकीर्तिजी आर्यिका आदिमतीजी मुनिश्री श्रवणसागरजी आयिका जिनमतीजी मुनिश्री वर्धमानसागरजी आर्यिका नन्दामतीजी मुनिश्री समाधिसागरजी आयिका नंगमतीजी मुनिश्री पार्श्वसागरजी प्रायिका स्याद्वादमतीजी ऐलक चन्द्रसागरजी ग्रायिका पार्श्वमतिजी ऐलक कीतिसागरजी प्रायिका ब्रह्ममतीजी ऐलक विजयसागरजी आर्यिका निर्मलमतीजी ऐलक वृषभसागरजी आर्यिका सूर्यमतीजी क्षुल्लक अनेकांतसागरजी आयिका शांतिमतीजी क्षुल्लक मतिसागरजी आयिका सिद्धमतीजी क्षुल्लक चन्द्रसागरजी आर्यिका सरस्वतीमतीजी क्षुल्लक समतासागरजी क्षुल्लिका शांतिमतीजी क्षुल्लक रतनसागरजी क्षुल्लिका संयममतीजी क्षुल्लक नंगसागरजी क्षुल्लिका चेलनामतीजी क्षुल्लक उदयसागरजी क्षुल्लिका पद्मश्रीजी क्षुल्लक ज्ञानसागरजी क्षुल्लिका विशुद्धमतीजी क्षुल्लक धर्मसागरजी क्षुल्लिका कीर्तिमतीजी क्षुल्लक सिद्धान्तसागरजी क्षुल्लिका श्रीमतीजी (जिनेन्द्रवर्णी) क्षुल्लिका वीरमतीजी क्षुल्लक प्रबोधसागरजी क्षुल्लिका विमलमतीजी AIMMMMMMMMMMHARYANAHMMMMMMMMER
SR No.010188
Book TitleDigambar Jain Sadhu Parichaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain
PublisherDharmshrut Granthmala
Publication Year1985
Total Pages661
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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