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________________ ३३६ ] दिगम्बर जैन साधु क्षुल्लिका अजितमतीजी A श्रीमती सुन्दरबाई का जन्म आज से करीब . ५० वर्ष पूर्व जबलपुर में हुआ था। पापके पिता बशोरेलालजी एवं माता बुद्धिवाई थी । आप जाति से गोलापूर्व थी। आपका विवाह राजारामजी से हुआ। आपकी लौकिक शिक्षा नहीं के बराबर थी किन्तु धार्मिक शिक्षा, रत्नकरंड श्रावकाचारं तक. हुई। आपके चार भाई, तीन बहिनें एवं तीन पुत्र व सात पुत्रियां हैं । घर में व्यवसाय दुकानदारी व एजेन्सी है । जब आपके नगर में आदिसागरजी महाराज पाये तो उनके धर्मोपदेश से प्रभावित होकर आपने.सं० २०२४ में चैत्रवदी पंचमी को श्रवणबेलगोला में प्राचार्य देशभूषणजी से दीक्षा ले ली। आप छहढ़ाला, वैराग्यभावना का विशेष ज्ञान रखती हैं। MON:.:.. TOMASA FEMALE आपने कोथली, फुलेरा आदि स्थानों पर चातुर्मास कर बाहर की समाज को धर्म लाभ दिया । आप सोलहकारण, कर्मदहन, अष्टान्हिका, पंचकल्याण व दशलक्षण व्रतों का विधिवत पालन कर रही हैं । आप कई जगहों पर भ्रमण करके वहां के समाजों को धर्मलाभ दे रही हैं। ..
SR No.010188
Book TitleDigambar Jain Sadhu Parichaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain
PublisherDharmshrut Granthmala
Publication Year1985
Total Pages661
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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