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________________ [ ३२९ दिगम्बर जैन साधु क्षुल्लक श्री जिनमूषरणजी महाराज आप आचार्य श्री ... देशभूषणजी महाराज द्वारा दीक्षित हैं। विशेष परिचय अप्राप्य है। RAMA नायिका सुव्रतामतीजी विक्रम सं० १९५० में हब्बड़ी तालुका धारवाड़ में श्री रायप्पाजी के यहां पर अम्माचवा ने जन्म लिया ।आपको मातृ भाषा कन्नड़ी थी तथा स्कूल से शिक्षा प्राप्त की। १० वर्ष की उम्र में आपकी शादी रागप्पाजी के साथ हो गई । बचपन से ही धर्मपरायणता आपके हृदय में कूट कूट कर भरी थी इसी कारण दोनों ने छठी प्रतिमा के व्रत मुनिश्री पायसागरजी से ले लिए, घर में रहकर धर्मसाधना करते । वैराग्य तीव्र हुवा कि पति ने क्षुल्लक दीक्षा ली तथा स्वयं ने प्रायिका दोक्षा ले ली । आचार्य श्री देशभूषणजी महाराज ने आपका नाम सुव्रतामती रखा । आपने १८ चातुर्मास किये तथा अपना सारा समय धर्मध्यान में लगाती थीं।
SR No.010188
Book TitleDigambar Jain Sadhu Parichaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain
PublisherDharmshrut Granthmala
Publication Year1985
Total Pages661
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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