SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 358
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ मुनिश्री सुमतिसागरजी महाराज (दक्षिण) द्वारा दीक्षित शिष्य - मुनि श्री नेमिसागरजी मुनि श्री सुपार्श्वसागरजी (दक्षिण) मुनि श्री सीमंधरसागरजी मुनि श्री नेमिसागरजी मुनिश्री नेमिसागरजी महाराज पूज्य मुनिराज का जन्म पंजाब के एक छोटे से गांव में हुआ था । बहुत छोटी सी अवस्था में आप देहली में श्रीमान लाला रणजीतसिंहजी के यहां गोद आ गये थे। आपका बचपन का नाम नेमीचन्द्र था। आप बचपन से ही सांसारिक कार्यों में उदासीन रहे। धार्मिक कार्यों में विशेष रुचि रखते थे। पाप बाल ब्रह्मचारी हैं । आपने क्षुल्लक दीक्षा परम पूज्य मुनि १०८ श्री सुमतिसागरजी महाराज के पास कचनेर ग्राम में आज से २५ साल पहले ग्रहण की, पूज्य मुनि १०८ श्री सुमतिसागरजी महाराज के पास संवत् २०१२ में टांकाटुका ग्राम में मुनिदीक्षा ग्रहण की । आप पूज्य महाराजश्री के साथ ही विहार करते हैं । आप स्वभाव के बड़े मृदु एवं मितभाषी हैं । आपके प्रवचन प्रभावशाली होते हैं । आपके ज्ञान का क्षयोपशम महान है । निरतिचार पूर्वक महाव्रतों का पालन करते हैं ।
SR No.010188
Book TitleDigambar Jain Sadhu Parichaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain
PublisherDharmshrut Granthmala
Publication Year1985
Total Pages661
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy