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________________ दिगम्बर जैन साधु [ ३०७ ऐलक श्री भावसागरजी महाराज महेन्द्रकुमारजी का जन्म शाहपुरा जि० जबलपुर में हुआ । आपके पिता का नाम बाबूलालजी था। बी० काम तक लौकिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद आपने नैनागिरी क्षेत्र पर ऐलक दीक्षा ली। ऐलक श्री परमसागरजी महाराज जयकुमारजी का जन्म ईशरवारा जि. सागर में श्री रूपचन्दजी की धर्मपत्नी श्रीमति शान्तिदेवी की कुक्षि से हुआ आपने लौकिक शिक्षा बी० कॉम० तक प्राप्त की है। दि०१०-१-८० को नैनागिरी में ऐलक दीक्षा ली। ऐलक श्री निःशंकसागरजी महाराज श्री राजधरजी बण्डा के निवासी थे । आपके दूसरे सुपुत्र का नाम महेशकुमार था। आपकी लौकिक शिक्षा हायर सैकण्डरी तक ही हो पाई थी। आपने १०-२-८३ को मधुबन में ऐ० दीक्षा ली। ऐलक श्री समतासागरजी महाराज प्रवीणकुमारजी ने देवरी ( सागर ) में जन्म लेकर मध्यप्रदेश को पवित्र किया। हायर सैकण्डरी तक शिक्षा प्राप्त की। आपके पिता का नाम श्री राजाराम जी था। आपने मुनि विद्यासागरजी से ऐ० दीक्षा धारण की। ऐलक श्री स्वभावसागरजी महाराज अशोककुमारजी का जन्म देवरी ( सागर ) में हुआ। आपके पिताजी का नाम श्री फूलचन्दजी तथा माताजी का नाम श्रीमति गुलाबरानी था। आपकी शिक्षा एम० एस० सी० तक थी। १०-२-८३ को मधुबन में ऐलक दीक्षा ली। आप सरल स्वभावो एवं वैराग्य से ओतप्रोत थे। आपके. आगे भी मुनि दीक्षा धारण करने के भाव है।
SR No.010188
Book TitleDigambar Jain Sadhu Parichaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain
PublisherDharmshrut Granthmala
Publication Year1985
Total Pages661
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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