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________________ दिगम्बर जैन साधु [ २३५ मनिश्री जिनेन्द्रसागरजी महाराज आपका जन्म राजस्थान प्रान्त के नागौर नगर में सन् १९१४ में हुवा। आपके पिता का नाम श्री केसरीमलजी व माता का नाम श्रीमति भंवरीदेवी था । आपका पूर्व नाम रतनलालजी था । आप अपने पिता के इकलौते पुत्र थे। १६ वर्ष की उम्र में माता पिता का स्वर्गवास हो गया। आपने संघर्षमय जीवन व्यतीत करते हुए इम्फाल ( मणीपुर ) में व्यवसाय शुरू किया तथा धनोपार्जन किया । सन् १९७५ में आपके मन में वैराग्य की भावना का उदय हुवा और इसी भावना से आपने व्यापार से संन्यास धारणकर त्यागमार्ग को अपनाया। सन् १९८० में आपने संन्यासमय जीवन प्रारम्भ किया। १८ अक्टूबर १९८० को नागौर में आपने मुनि श्री श्रेयांससागरजी से क्षुल्लक दीक्षा ग्रहण की । मानव जीवन के सर्वश्रेष्ठ एवं महत्वपूर्ण स्थान को प्राप्त करने के लिए १९८२ में प्राचार्य श्री धर्मसागरजी महाराज से साबला (उदयपुर) में मुनि दीक्षा धारण की।
SR No.010188
Book TitleDigambar Jain Sadhu Parichaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain
PublisherDharmshrut Granthmala
Publication Year1985
Total Pages661
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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