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________________ धर्म : जीवन जीने की कला दिए गए दान की अपेक्षा बहुत हल्का है। भले मात्रा में अधिक क्यों न हो। शुद्ध चित्त से दिए गए दान का अधिक महत्त्व है। इससे अपरिग्रह और त्याग धर्म पुष्ट होता है। पर इसके महत्त्व की भी अतिरन्जना कर इसे ही सब कुछ मान बैठे तो धर्म के अन्य अंगों की अवहेलना होगी और वे कमजोर रह जाएँगे। ___ इसी प्रकार उपवास भी धर्म का एक अंग है। हम उपवास द्वारा शरीर को स्वस्थ रखते हैं । स्वस्थ शरीर से ही धर्म का सुगमतापूर्वक पालन किया जा सकता है। शारीरिक स्वास्थ्य के अतिरिक्त मानसिक संयम के लिए भी उपवास उपयोगी है । उपवास करें और मन भिन्न-भिन्न पकवानों में रमता रहे तो ऐसा उपवास हीन कोटि का होगा। उपवास करें और केवल शरीर को ही नहीं, बल्कि मन को भी संयमित करें तो उपवास उच्च कोटि का होगा । हीन कोटि की तो बात ही क्या, उच्च कोटि के उपवास का भी अतिरंजित मूल्यांकन कर उसे ही सब कुछ मान बैठेंगे तो अहंभाव के शिकार हो जाएंगे और धर्म के उससे भी अधिक महत्त्वपूर्ण अंग अछूते या कमजोर रह जाएँगे। उनका अभ्यास करना तो दूर की बात रही, उन्हें पुष्ट करने की बात भी हम कभी नहीं सोचेंगे। उपवास करने वाला शील-सदाचार के क्षेत्र में दुर्बल हो तो उपवास करने वाले शीलवान व्यक्ति से हीन है । इसी प्रकार सामिष भोजन से निरामिष भोजन, चटपटे मिर्च-मसाले वाले राजसी भोजन से सादा सात्विक भोजन करने वाला व्यक्ति श्रेष्ठ है, उत्तम है । परन्तु सात्विक निरामिष भोजन करने वाला व्यक्ति इसी एक गुण के कारण अपने आपको अन्य सभी से श्रेष्ठ मानने लगे तो मिथ्या अहं के कारण शुद्ध धर्म के उन्नतिपथ से भटक जायेगा। भोजन में मात्रज्ञ और गुणज्ञ होना, यानी उतना ही और वैसा ही भोजन करना जितना और जैसा कि हमारे शरीर के लिए उपयोगी और आवश्यक है-धर्म का एक अच्छा अंग है। परन्तु धर्म के उससे भी अच्छे और ऊँचे अंग हैं, ऐसा नहीं जानेंगे तो उनसे वंचित रह जाएँगे । ____ अपना अधिकांश समय आलस्य, प्रमाद, तन्द्रा में गँवाने वाले व्यक्ति की अपेक्षा यथावश्यक कम से कम समय सोकर, अधिक से अधिक समय जागरूक रहने वाला व्यक्ति निश्चितरूप से अधिक अच्छा है। परन्तु ऐसे व्यक्ति को भी
SR No.010186
Book TitleDharm Jivan Jine ki Kala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSatyanarayan Goyanka
PublisherSayaji U B Khin Memorial Trust Mumbai
Publication Year1983
Total Pages119
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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