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________________ (११) (४.) नों महात्रीँराचार्य ह गणित सार संग्रह की इकाई दुहाई-एक, देश, शन, सहस्, दश सहस्, लक्ष, दश लक्ष; कोटि, दश कोटि, शन कोटि, अबु दे, न्यवु द, खर्व, महा खर्च . पद्म, महापद्म, क्षोणी. महा क्षोणी, शङ्ख, महा शङ्ख, क्षित्य, महा क्षित्व, क्षोम, महा क्षोभ । २४ अंक प्रमाण । (५.) अंग्रेजी भाषा की इकाई दहाई – इकाई, दहाई, सैकड़ा, हजार, दश हजार, सौ हजार मिलियन, दश मिलियन, सी- मिलियन, हजार मिलियन, दश हजार मिलियन, सौ हजार "मिलियन, विलियन, दश विलियन, सौ विलियन, हजार विलियनः दश हजार विलियन, सौ हजार विलियन, ट्रिलियन, दश ट्रिलियन, सी ट्रिलियन, हज़ार टिलियन, दश हज़ार डिलियन, सी इंजार ट्रिलियन । २४ अंक प्रमाण । यह इकाई दहाई ऐसे ढंगले नियत की गई है कि क्वाडिलियन आदि शब्दों द्वारा छह २ म के उपरोक्त.. रीति से बढ़ा कर २४ अक प्रमाण से आगे भी. अक प्रमाण बडो सुगमता से की जा सकती है ।. 'उपरोक्त उदाहरणा के अतिरिक्त और भी अनेक प्रकार की इकाई दहाई हैं जो अनेक विद्वानों ने अनेक प्रकार से कल्पनो 'की हैं और जो मानने वाले जन समूह की नित्य प्रति के सब व्यवहारिक कार्यो में पड़ने वाली आवश्यकताओं को पूर्ण करने. लिए केवल पर्याप्त (उपयुक्त) ही नहीं किंतु पर्याप्त से भी "अधिक है !.. . * यह जैन आचार्य कृत गणित-यथ भास्कराचार्य कृत. लीलावती" से ३०० वर्ष पूर्व का है जो अर्थ जो अनुवाद सहित “ “मद्रास प्रांत" सरकार को श्राशानुसार वहीं के गवन पैठी (सरकारी) यंत्रालय में प्रकाशित हो चुका है । "लीलावती "में संभवतः अधिकतर इसी का अनुकरण है । श्राज कश की हिंदी उर्दू में मंचलित इकाई दहाई सो और किसी से न मिलकर अधिकांश में इसी की इकाई दहाई से मिलती जुलती है । :: :
SR No.010185
Book TitleDharm Jain Updesh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDwarkaprasad Jain
PublisherMahavir Digambar Jain Mandir Aligarh
Publication Year1926
Total Pages151
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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