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________________ नाड़ीप्रकाश हंसराज निदान चित्र सहित वैद्यक केलं घों में परीक्षाके लिये अतिउत्तम है संस्कृत मूलभाषाटीका रसराजसुंदर प्रथा .... 5 ॥ शरीररतन धातुप्रकाण्ड कपी हैं हातौं हाथ-: लघुतिव्वनिर्घट 5 विकतीचली जाती तिव्बरतन डाकरी | हैज़रूर मंगाकर दे मुज़रवादबशीर पाक रत्नावली अर्थ खनी चाहिये... महूर्तचिंतामणि सारणीमहूर्तचिंतांमं मानसागरी रत्नपरीक्षा · नारदसंहिता रिसाले सतरंजइसमें सतरंज कापूराश्खे 5 · ''''' तथा दूसरा भाग ७) निवासी कृतं छपता है अनुपानचिंतामनस-ॐ वाग्भट्टभाषा टीका चिकित्साकल्पद्रुम 15 छापा बंबई : वैद्यक कल्पद्रुमछा• रसायन प्रकाश बबई भाषाटीका..: रिसालैगिलटप्रभा माधौनिदान मूल 1 दूसरा भाग इसमें हर श्रीरणवीर प्रकाश ७) तरहके मुलम्मेचढ़ा व्यगुण वाग्भटका नेकीरात लिखी है एकभागापाकल मुजरवानसंनतकारी २) कत्ता इसपुस्तक में तरह वकसैन कापा कलक. १०) के मुलम्मे चढ़ाने की *आतमप्रकाशभाषा ॥ रीतिपौर मातिशवा इलाजुलगुरुवा• जी रंगरंगकी बनाना इंलाजिसमानी ) औौरसवतरहकेरन रिसालै आतिशक- हीरामोतीपुखराज सौनाक - ॐ नीलम ग़ैरहवनाना अर्क प्रकाश रिसाने और हरएक चीज़ को तिव्वप्रभाकर तर्जु साफ करना और धो मात्तिन्वषफी " ना पुरानेकोनयाक - तिलस्थानः प्रजायव | रना-गरजैं किकुल निव्वहसांनी हिंदुस्तान की कारी जरीही प्रकाशप्रभा गरी लिखी है मान तथा दूसरा भाग 3 तक ऐसी पुस्तकनथानीसरा भाग 3 | हिन्दुस्तान में नागरी मीना तिव्व नागरी - 10) में नहींछपी पूरा करावादीन सफाई 12 हाल पुस्तककेंदेख 'तिब्बराकर तर्जुमानेसे मालूम होगाये करावादीनऐहसानी पुस्तक बहुत थोड़ी व्यंजन प्रकार बड़ा पंडतदत्तराम मथुरा • + 1 ७ लहै .. क्रीड़ा कौशिल्याइ के उत्तर लिखे हैं ये पुस्तक नवीन कपी है, साठासाई इसमें हर 3) संबत कानाम और उसका फलविस्ता रपूर्वक लिखा है... चकावली प्रश्नका 15 अतिउत्तमगंथ है जिसमें सब प्रकार भवन दीपक भाघाटी ) के प्रश्न मिलते हैंगृहमुहूर्तसिंधुका दोभाग हैं. पाबंबई रमल जोतिषसार- : मुहूर्तसिंधूकापा -,,, भाषा अर्थात् मळ ) "चाहौर: नवरतन बृहत्पारासरीनोति०६) रमल नौरतनभाषा पल्लीपतन टीकासमूलकापा -15 सामुद्रिक मथुरा भडलीकृतशकुंनाव ग्रहणावली 5 भडलीकृत बडीका... जोतिषविचारभा.." प्रतिउत्तम पाबंबई : भृगुसंहिता कापामे : गृहज्योतिषार्णव ) कुंडलियों सहित महूर्तचिंतामन संग मूल भाषा ठीका , ७ ७ enews रमनजोतिषनन्म र प्रश्न वगैरह जोतिषसार बड़ा में) से मूल भाषाटीका :.. पत्ता इन किताबों के मिलने का लाला नारायण दास जंगलीमल कुतुब फर्राश (देहली) जोतिषसारका भाग: राबड़ा संग्रह शिरोमणिका.. समें तरह के खेल गंजफा सतरंज- ची सर औरसवप्रकार के है छापाबंबई पियूषधारा महूर्तचिं नामणि 1. '७ का फड़कने की परी सावरको ईप्रका की परिक्षा प्रश्नों i) लखनऊ बहुत उत्तमः भाषाटीका २) रमलसिंधुभा मे 1) 1) तिलपरीक्षा 5
SR No.010174
Book TitleBhudhar Jain Shatak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhudhardas Kavi
PublisherBhudhardas Kavi
Publication Year
Total Pages129
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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