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________________ चतुर्थ खण्ड: चौबीसबॉ अध्याय ४५५ अंजन-१ मैनसिल, रमान्जन, कबूतर (जंगली) की विष्ठा, इन्हें मिला कर या पृथक्-पृथक् अंजन करने से उन्माद तथा अपस्मार मे लाभ होता है । २ मुलठी, होग, वच, तगर, गिरीप, लहसुन, कूठ को सम भाग मे लेकर बकरी के मूत्र में पीसकर गोली बनाकर रख ले। और घिस कर आँखो में अजन करे। इसका चूर्ण नस्य के रूप में भी प्रयुक्त हो सकता है । ३. करंजादि-करंज, देवदारु, सरसो, कटभी, होग, वच, मजीठ, त्रिफला, त्रिकटु, प्रियङ्गु सम प्रमाण 'मे लेकर वस्तमन (वकरे के मत्र) में पोसकर बने योग का नस्य तथा अजन रूप मे प्रयोग । पुष्यनक्षत्र में उद्धृत कुत्ते के पित्त ( Bile) का अजन अपस्मारन होता है । इसका घी के साथ धूपन में भी प्रयोग किया जा सकता है। नस्य-१ निर्गुण्डो स्वरस और बन्दाक का स्वरस या चूर्ण -नस्य रूप में नाक से देने से अपस्मार मे निश्चित रूप से लाभ होता है।। २ वचा, गिलोय, त्रिकटु, मधुष्टि का सत, रुद्राक्ष, सेंधा नमक, समुद्रफल, लहसुन, इन द्रव्यो का समभाग मे बनाये नस्य का प्रयोग। ३. कुत्ता, शृगाल, विडाल और कपिल वर्ण को गाय के पित्त का नस्य अपस्मार को नष्ट करता है। स्नान, लेप तथा उद्वत्तेन-१ श्वेत तुलसी, कूठ, छोटी हरें, जटामासी “और ग्रथिपर्ण को समभाग मे लेकर गोमूत्र मे पीसकर उबटन लगाना और गोमूत्र से स्नान कराना।। । २. चमगादड की विष्ठा और जलाये हुए बकरे के लोम, श्वेत सरसो और सहिजन की छाल को गोमूत्र मे पीस कर लेप करना। ३ सरसो, के तेल में चतुर्गुण वकरे का मूत्र और गाय का पुरीष और मूत्र डाल कर पका ले । इससे उबटन लगाना एव स्नान कराना उत्तम होता है। धूपन-नकुल, उलूक, मार्जार, गोध, सांप और काक के तुण्ड, परीष । और पख से अपस्मार रोगी का धूपन करने से दुश्चिकित्स्य अपस्मार भी अच्छा होता है। भेषज-१ मधुयष्टि का कुष्माण्ड वीज के साथ पीसकर सेवन २. वचा' का चर्ण १ माशा मधु के साथ सेवन-भोजन मे दूध और भात। इस योग के सेवन-काल में देना चाहिये । ३ लहसुन का तेल में पकाकर सेवन ४ ब्राह्मी १ य खादेत् तीरभक्ताशी माक्षिकेण क्चारज । अपस्मार महाघोर सुचिरोत्थ जयेद् ब्रुवम् ।। प्रयोज्य तेललशुन पयसा वा शतावरी। ब्राह्मीरसश्च मधुना सर्वापस्मारभेषजम् ॥ (भै र )
SR No.010173
Book TitleBhisshaka Karma Siddhi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamnath Dwivedi
PublisherRamnath Dwivedi
Publication Year
Total Pages779
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size36 MB
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