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________________ चतुर्थ खण्ड : बारहवाँ अध्याय ३५७ च्यवन प्राश-- दशमूल की औषधियाँ प्रत्येक चार तोला, छोटी पिप्पली, चला, मुद्गपर्णी, मापपर्णी, काकडासीगी, भुइ आँवला, द्राचा, जीवन्ती, पुष्करमूल, अगर, हरड गुडूची, कचूर, मोथा, पुनर्नवा, पचाङ्ग, छोटी इलायची, नीलकमल, लाल चदन, श्वेत चदन, विदारी कद, अडूसे की जड, काकनासा तथा अष्टवर्ग (ऋद्धि- वृद्धि - जीवक ऋपभक - काकोली क्षीर काकोली - मेदा - महामेदा कद) अष्टवर्ग के अभाव मे शतावरी, विदारी, अश्वगंध तथा वाराहीकद मे से प्रत्येक ४ तोला लेकर जो कुट करे । एक बडे कलईदार वर्त्तन मे डालकर उसमे १२ सेर १२ छटाँक ४ तोले जल और ५०० पके ताजा आंवले ( ६ | सेर ) को जल से धोकर कपडे में बांधकर पोटली बनाकर डाले । फिर अग्नि पर चढाकर पाक करे | जव चौथा हिस्सा जल शेष रहे तव वर्त्तन को नीचे उतार ठडा करे ओर आँवले को पृथक् करे और क्वाथ को कपडे से छान कर बर्तन मे रख ले | आँवले की गुठली को अलग करके उसको एक अच्छे कलईदार वर्त्तन के मुँह घर पाट ( सन ) का कपडा बांधकर उस पर थोडे-थोडे आँवले रखकर हाथ से दबाकर मसल कर छान ले। पीछे उसमे २८ तोले घी ( गाय का ) डालकर मदी आंच पर भूने और लकडी के हत्थे से हिलाता रहे। जब आँवलो से घी अलग होने लगे और गाढा हो जाय तो उतार कर रख दे । फिर उसमे शेष रखा हुआ क्वाथ और उसमे ७ से १३ छटांक देशी खांड या चीनी डालकर पकावे | अवलेह जैसी गाढी हो जाय उतार कर ठंडा करे । फिर उसमे २४ तोला शहद, छोटी पीपल ८ तोला, वशलोचन १६ तोला, दालचीनी ४ तोला, छोटी इलायची ४ तोला, तेजपात ४ तोला, नागकेसर ४ तोला इनका कपड़छन चूर्ण मिलाकर चीनी मिट्टी के वर्त्तन मे भर कर रख दे । मात्रा व्यक्ति के अनुसार भिन्न-भिन्न हो सकती है - जिस मात्रा के खाने से उस व्यक्ति के भूख मे कमी न हो वही उसकी मात्रा है । सामान्यतया २ तोला दूध से । गुण - यह एक पौष्टिक रसायन है । इसके सेवन से खांसी, पुराना श्वास रोग, राजयक्ष्मा, हृद्रोग, स्वरभग स्मरण शक्ति की कमी आदि दूर होती है । द्राक्षारिष्ट - मुनक्का २३ सेर, जल २५ सेर २८ तोले मे क्वथित करके चतुर्थाश शेप करे फिर इस क्वाथ में ठंडा हो जाने पर गुड' पुराना १० सेर लेकर हाथो से फोडकर मिलावे । फिर उसमे दाल चीनी-छोटी इलायची-तेजपत्र - नागकेशर- प्रियज-काली मिर्च- छोटी पोपल और वायविडङ्ग प्रत्येक का ४ तोले प्रक्षेत्र छोडकर घृतलिप्त पात्र मे रखकर संधान करे । इसमे भी मिला लेना चाहिये । १ मास के अनन्तर सधान धाय का फूल ३२ तोले को खोलकर छानकर
SR No.010173
Book TitleBhisshaka Karma Siddhi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamnath Dwivedi
PublisherRamnath Dwivedi
Publication Year
Total Pages779
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size36 MB
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