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________________ ६४] भगवान पार्श्वनाथ । नियमानुसार ऐसी ही रानियां होती है। इसी समयके प्रसिद्ध राना नागकुमारका पहला विवाह एक वेश्याकी पुत्रियोंसे हुवा था। अस्तु: जैन शास्त्रोके इन उदाहरणोसे भगवान पार्श्वनाथके जन्मकालमे जो सामाजिक उदारता इस भारत भूपर फैल रही थी और जो यहांपर विवाह करनेकी स्वतंत्रता थी, वह स्पष्ट प्रकट है। हत्भाग्यसे आज हम अपने प्राचीन पुरुषोंके जीवनचरित्रोसे अनभिज्ञ होकर अपने इतरवर्णी भाइयोको मनुष्य ही नहीं समझते हैं। हमारा सामाजिक जीवन बिल्कुल हेय और निकम्मा होगया है । पर भगवान पार्श्वनाथके समय यह वात नहीं थी: यद्यपि उस समय भी विप्रोंको अपने ब्राह्मणपनेका झुठा अभिमान था और अन्य लोगोंके धार्मिक अधिकार अझटमें पड़े हुये थेः जिनकी रक्षा करनेको ही मानो भगवान पार्श्वनाथका जन्म हुआ था। इस प्रकार उस समयके एक तरहसे उदार सामाजिक जगतमें लोग अपने जीवन यापन कर रहे थे, परन्तु उनकी आत्मायें धार्मिक वातावरणके अप्राकृत रूपसे छटपटा रहीं थीं। उनको उस समयके धार्मिक नियमो और मान्यताओंसे वहत कम संतोष मिलता था, जिस कारण प्राय नए२ मंतव्य प्रगट होते जाते थे, जैसे कि हम अगाड़ी देखेंगे । सामाजिक जीवनके मुख्य अंग विवाह-प्रणालीके नियम उदार और आदर्श होनेपर भी लोगोंको ऊंच नीचका भेद अखर रहा था । वे विप्रोंके हाथके कठपुतले बना रहना ठीक नही समझते थे और स्वयं ही अपनी धार्मिक जिज्ञासाकी पूर्ति करनेके लिये शास्त्रोंका पठन पाठन करना और धार्मिक सिद्धांतोंपर ५. पार्श्वपुराण पृ. २७ । ' नागकुमार चरित्र पृ० १९ । -
SR No.010172
Book TitleBhagavana Parshvanath
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages497
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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