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________________ (१८३) सब की मर्यादा करना । २२. मुखवासविधिप्रमाण - भोजनादि के पश्चात् स्वाद या मुख को साफ करने के लिए प्रयुक्त किए जाने वाले पान, सुपारी, इलायची, चूर्ण आदि पदार्थो की मर्यादा करना । २२ वाहनविधिप्रमाण -- घोडा, ऊट आदि चलने वाले और मोटर, ट्रेण, साईकल आदि फिरने वाले वाहनो की मर्यादा करना । २३ उपानद्विधिप्रमाण – जूता, बूट, खडाऊ आदि की मर्यादा करना । २४ शयन्रविधिप्रमाण- पलग, खाट, पाट, आसन, विछौना, मेज़, कुर्सी आदि सोने और बैठने के काम मे आने वाले पदार्थों की मर्यादा करना । २५ सचित्तविधिप्रमाण- पदार्थ सचित्त और ग्रचित्त इस तरह दो प्रकार के होते हैं । सचित्त पदार्थो की मर्यादा करना । सचित्त फलो का सर्वथा त्याग नही कर सकने वाला गृहस्थ सचित्त पदार्थो की मर्यादा करता है । २६ द्रव्यविधिप्रमाण -- खाने के काम मे आने वाले सचित्त या चित्त द्रव्यो को मर्यादा करना । ऊपर के बोलो मे जिन पदार्थो की मर्यादा की गई है, उन पदार्थों को द्रव्यरूप से सग्रह करके उन की मर्यादा करना । जैसे मैं एक समय मे या एक दिन मे या जीवन भर इतने द्रव्यों से अधिक द्रव्योका उपयोग नही करूंगा । एक ही वस्तु जो मुख मे डाली जायगी उस मे जितनी वस्तुए मिश्रित हो रही हे वे उतने ही द्रव्य कहे जाएगे । इन २६ बोलो मे दैनिक व्यवहार मे आने वाले सभी जीवनोपयोगी पदार्थो का ग्रहण कर लिया गया है । इन की दैनिक,
SR No.010169
Book TitleBhagavana Mahavira ke Panch Siddhant
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanmuni
PublisherAtmaram Jain Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages225
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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