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________________ ७ ज्ञानी - ध्यानी महागुणी, पडित 'गणेश मुनि', हर बात ऐसी चुनी, जीवन की जीत है । ज्ञानियों के, गुणियो के ऋषियो के, मुनियों के, विविध विचारो का ही यह नवनीत है । 1 - चन्दन मुनि [ पजाबी ] * मेरे स्नेही साथी गणेशमुनि शास्त्री द्वारा संग्रहीत 'विचार रेखा' एक सुन्दर सकलन है, साधना पथ का ज्योतिर्मय दीप-स्तम्भ है । - मुनि समदर्शी 'प्रभाकर' * रूप-रंग, साज-सज्जा तथा सामग्री की दृष्टि से 'विचार रेखा' एक उत्तम कृति है, ऐसी उत्तम कृति का साहित्य जगत मे स्वागत होना ही चाहिये । - डा० नृसिंहराज पुरोहित इन्द्रभूति गौतम । एक अनुशीलन - लेखक गणेश मुनि शास्त्री, साहित्यरत्न - सपादक श्रीचन्द सुराना 'सरस' - भूमिका डा० जगदीशचन्द्र जैन - प्रकाशक . सन्मति ज्ञानपीठ, आगरा-२ - मूल्य : चार रुपये, * प्रस्तुत प्रबन्ध मे गणधर इन्द्रभूति गौतम के विराट् व्यक्तित्व की यथार्थ तसवीर खीची गई है । आज तक की साहित्यिक अपूर्णता को यह कृति पूर्ण कर रही है । इस प्रबन्ध के लेखक हैं - श्रद्धेय पण्डित प्रवर श्री पुष्कर मुनि म० के शिप्यरत्न श्री गणेश मुनि जी शास्त्री, श्री गणेश मुनि जी जैन समाज के एक अनेक पहेलु वाले जगमगाते जवाहिर हैं । वे कवि भी हैं और कलाकार भी हैं । गायक भी हैं और साधक भी हैं । और वे क्या नही हैं, यह एक प्रश्न है ? मे "डाक्टरेट" के प्रथम आप इस प्रबन्ध के लिए अपनी साधु समाज विजेता बने, यही मनीषा । - साध्वी उज्ज्वलकुमारी एक अनुशीलन' पुस्तक यदि वे श्री गणेश मुनि जी शास्त्री की 'इन्द्रभूति गौतम पढी । ग्रन्थ बहुत अध्ययनपूर्ण एव सुन्दर शैली मे लिखा गया है ....
SR No.010166
Book TitleBhagavana Mahavira ke Hajar Updesh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaneshmuni
PublisherAmar Jain Sahitya Sansthan
Publication Year1973
Total Pages319
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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